राष्ट्रपति ट्रंप ने प्राइवेट मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम में एक अरब डॉलर के नए निवेश का प्रस्ताव रखा

राष्ट्रपति ट्रंप ने प्राइवेट मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम में एक अरब डॉलर के नए निवेश का प्रस्ताव रखा

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IANS
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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)। स्पेस एक्सप्लोरेशन को महत्वपूर्ण बढ़ावा देते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार ने मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम के लिए एक अरब डॉलर के नए निवेश का प्रस्ताव दिया है।

व्हाइट हाउस के शुक्रवार को देर रात जारी 2026 के बजट प्रस्ताव में मून एक्सप्लोरेशन के लिए सात अरब डॉलर से अधिक का आवंटन किया गया है।

बजट दस्तावेज में कहा गया है, मून एक्सप्लोरेशन के लिए सात अरब डॉलर से अधिक का आवंटन करके और मंगल-केंद्रित कार्यक्रमों के लिए एक अरब डॉलर के नए निवेश की शुरुआत करके, बजट यह सुनिश्चित करता है कि अमेरिका के मानव स्पेस एक्सप्लोरेशन प्रयास अद्वितीय, अभिनव और कुशल बने रहें।

बजट प्रस्ताव में नासा की एक नई पहल भी शामिल है जिसे कमर्शियल मार्स पेलोड सर्विसेज प्रोग्राम (सीएमपीएस) कहा जाता है। पिछले कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (सीएलपीएस) कार्यक्रम की तरह, सीएमपीएस का उद्देश्य अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता और निवेश का लाभ उठाना है।

नए प्रस्ताव में कहा गया है कि नासा लाल ग्रह के अन्वेषण को बढ़ावा देने के लिए स्पेस सूट, संचार प्रणाली और मानव-रेटेड लैंडिंग वाहन विकसित करने वाली कंपनियों को अनुबंध प्रदान करेगा।

विशेष रूप से, बजट प्रस्ताव ने नासा के वित्तपोषण में 2025 के स्तर की तुलना में छह अरब डॉलर की कटौती की है, जो 24.8 अरब डॉलर से 18.8 अरब डॉलर हो गया है, जो 24 प्रतिशत की कटौती है।

बजट में सबसे अधिक कटौती स्पेस साइंस (2.3 अरब डॉलर), अर्थ साइंस (1.2 अरब डॉलर) और लिगेसी ह्यूमन एक्सप्लोरेशन सिस्टम (लगभग 90 करोड़ डॉलर) के लिए की गई है।

यदि इसे लागू किया जाता है, तो नासा के कार्यक्रम जैसे कि मार्स सैंपल रिटर्न और गेटवे प्रभावित होंगे।

बजट दस्तावेज में कहा गया है कि चीन से पहले चंद्रमा पर लौटने और मंगल ग्रह पर मनुष्य को भेजने के नासा के उद्देश्यों के अनुरूप, बजट कम प्राथमिकता वाले रिसर्च को कम करेगा। साथ ही मार्स सैंपल रिटर्न मिशन जैसे महंगे मिशनों को समाप्त करेगा, जिस पर काफी ज्यादा बजट खर्च होता है और जिनके लक्ष्य मंगल ग्रह पर मानव मिशन द्वारा प्राप्त किए जाएंगे। मिशन में 2030 के दशक तक सैंपल रिटर्न की योजना नहीं बनाई गई है।

--आईएएनएस

एससीएच/एकेजे

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