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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
मुंबई, 18 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिकी ब्रोकिंग फर्म जेफरीज ने अपने ग्राहकों को भारत में बिकवाली करने की जगह खरीदारी की सलाह दी है। साथ ही कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों का यू-टर्न होना तय है।
अमेरिकी ब्रोकिंग फर्म में प्रमुख एनालिस्ट क्रिस्टोफर वुड ने कहा कि उनके ग्राहक वर्तमान वैश्विक बाजार परिवेश और इस संभावना के कारण भारत में निवेश करने पर विचार कर रहे हैं,क्योंकि ट्रंप अंततः अपना रुख बदल देंगे, जो अमेरिका के हित में नहीं है।
वुड ने कहा, यह केवल कुछ समय की बात है ट्रंप अपने रुख से पीछे हट जाएंगे, जो कि अमेरिका के हित में नहीं है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अगर कोई ट्रंप के सामने खड़ा होता है तो उसे लाभ होता है।
वुड ने स्पष्ट किया है कि ट्रंप की ओर से ब्रिक्स देशों के खिलाफ कोई भी एक्शन उन्हें डी-डॉलराइजेशन की ओर ले जाएगा। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका का नाम शामिल है।
डी-डॉलराइजेशन वह स्थिति है, जिसमें देश डॉलर की बजाय अन्य विदेशी मुद्राओं या घरेलू मुद्राओं में विदेशी व्यापार करना शुरू कर देते हैं।
विश्लेषक ने कहा कि जेफरीज ने भारत पर, खासकर अपने एशिया (जापान को हटाकर) लॉन्ग-ओनली पोर्टफोलियो में, लगातार तेजी का रुख बनाए रखा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 15 वर्षों में वैश्विक उभरते बाजारों की तुलना में, भारत ने पिछले 12 महीनों में सबसे ज्यादा खराब प्रदर्शन किया है।
ब्रोकिंग फर्म ने एशिया (जापान को हटाकर) में भारत पर मार्जिनल ओवरवेट रुख भी बनाए रखा है।
वुड ने कहा, भारत एशिया में सबसे अच्छी दीर्घकालिक संरचनात्मक स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है, हालांकि बाजार उच्च मूल्यांकन और भारी इक्विटी आपूर्ति का सामना कर रहा है।
भारतीय शेयर बाजार एक साल की फॉरवर्ड अर्निंग के 20.2 गुना पर कारोबार कर रहे हैं, जो अक्टूबर 2021 के उच्चतम स्तर 22.4 गुना से कम है।
वुड ने कहा कि ब्रिक्स देश मुख्य रूप से अमेरिकी प्रशासन की विदेश नीति में एक वैचारिक ढांचे के अभाव के कारण फिर से एकजुट हो रहे हैं।
कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों की 25 से 29 अगस्त के बीच प्रस्तावित नई दिल्ली यात्रा को पुनर्निर्धारित किया जा सकता है।
अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध खराब हो गए हैं। 27 अगस्त से अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लागू होने की धमकी दी गई है।
--आईएएनएस
एबीएस/
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