अमेरिका से अधिक तेल और गैस खरीदने के बाद भी ट्रंप ने भारत पर लगाया टैरिफ

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अमेरिका से अधिक तेल और गैस खरीदने के बाद भी ट्रंप ने भारत पर लगाया टैरिफ

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IANS
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Trump has slapped higher tariffs despite India buying more oil, gas from US

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया है, लेकिन ऐसा लगता है कि ट्रंप प्रशासन यह नकार दिया है कि भारत ने भी अमेरिका से तेल और गैस की अपनी खरीद में तेजी से वृद्धि की है। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका के साथ भारत के ट्रेड सरप्लस में कमी आई है, जो ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीति का एक प्रमुख लक्ष्य है।

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आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि इस साल जनवरी से जून तक अमेरिका से भारत का तेल और गैस आयात 51 प्रतिशत तक बढ़ गया है। अमेरिका से देश का एलएनजी आयात वित्त वर्ष 2023-24 के 1.41 अरब डॉलर से लगभग दोगुना होकर वित्त वर्ष 2024-25 में 2.46 अरब डॉलर हो गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी में आश्वासन दिया था कि भारत अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने में मदद के लिए अमेरिका से ऊर्जा आयात को 2024 के 15 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2025 में 25 अरब डॉलर कर देगा।

इसके बाद, सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय तेल और गैस कंपनियों ने अमेरिकी कंपनियों से और अधिक दीर्घकालिक ऊर्जा खरीद के लिए बातचीत की। नई दिल्ली ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह रूसी तेल पर निर्भरता कम करने के लिए अपने ऊर्जा आयात स्रोतों में विविधता ला रहा है।

भारत ने बताया है कि वह रूसी तेल खरीद रहा है क्योंकि जी7 देशों द्वारा निर्धारित मूल्य सीमा से कम कीमत पर ऐसी खरीद पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। वास्तव में, ऐसी खरीद की अनुमति देना अमेरिकी नीति का हिस्सा था, क्योंकि बाजार में अधिक तेल होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में तेजी नहीं आएगी। इसके अलावा, कम कीमतों पर खरीद ने रूस की कमाई को सीमित करने में भी मदद की।

भारत ने कहा है कि अमेरिका अभी भी रूस से उर्वरक, रसायन, यूरेनियम और पैलेडियम खरीद रहा है।

इसके अतिरिक्त, नई दिल्ली ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत और अमेरिका के बीच एक अत्यंत महत्वपूर्ण रणनीतिक संबंध है जो व्यापार से कहीं आगे तक जाता है।

सरकार ने कहा है कि भारत-अमेरिका संबंध बहुस्तरीय हैं और व्यापार इस अत्यंत महत्वपूर्ण संबंध का केवल एक पहलू है जो भू-राजनीतिक और रणनीतिक पहलुओं पर भी आधारित है।

सरकार ने विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति को यह भी सूचित किया है कि भारत-अमेरिका वार्ता के छठे दौर की योजना में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता हो सकता है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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