ट्रंप ने अमेरिकी कॉलेज स्पोर्ट्स में एनआईएल सिस्टम को 'आपदा' बताया, फेडरल एक्शन के दिए संकेत

ट्रंप ने अमेरिकी कॉलेज स्पोर्ट्स में एनआईएल सिस्टम को 'आपदा' बताया, फेडरल एक्शन के दिए संकेत

ट्रंप ने अमेरिकी कॉलेज स्पोर्ट्स में एनआईएल सिस्टम को 'आपदा' बताया, फेडरल एक्शन के दिए संकेत

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IANS
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Trump calls US college sports system ‘disaster’, signals federal action

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

वाशिंगटन, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की कॉलेज स्पोर्ट्स सिस्टम की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि नाम, छवि और समानता (जिन्हें एनआईएल कहा जाता है) अमेरिका के कॉलेज स्पोर्ट्स को नियंत्रित कर रही हैं। एनआईएल के तहत कॉलेज एथलीट विज्ञापन और प्रायोजन से कमाई कर सकते हैं।

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ट्रंप ने इस सिस्टम को लेकर चेतावनी दी कि मौजूदा ढांचा टिकाऊ नहीं है और इससे विश्वविद्यालयों की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि यदि हालात नहीं सुधरे तो संघीय सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।

शुक्रवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा, मुझे एनआईएल पसंद नहीं है। मुझे ट्रांसफर पोर्टल भी पसंद नहीं है और हमारे पास इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि कॉलेज खेलों में चल रहा मौजूदा सिस्टम पूरी तरह असंतुलित हो गया है।

राष्ट्रपति ने कहा, एनआईएल कॉलेज स्पोर्ट्स के लिए एक आपदा है। मुझे लगता है यह ओलंपिक्स के लिए भी नुकसानदायक है। उनका तर्क था कि कॉलेज अनियंत्रित खर्च की दौड़ में फंस गए हैं।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, आप किसी क्वार्टरबैक को हाई स्कूल से निकलते ही 14 मिलियन डॉलर नहीं दे सकते। उन्हें खुद नहीं पता कि वह खिलाड़ी वाकई अच्छा साबित होगा या नहीं।

ट्रंप के मुताबिक, टॉप संस्थान भी आर्थिक रूप से परेशान हैं। उन्होंने कहा, सबसे सफल कॉलेज भी पैसे गंवा रहे हैं। कॉलेज इस खेल को खेलने का खर्च नहीं उठा सकते।

उन्होंने चेताया कि नुकसान केवल फुटबॉल और बास्केटबॉल तक सीमित नहीं है। कॉलेज कार्यक्रम ओलंपिक खेलों के लिए प्रशिक्षण स्थल हुआ करते थे, लेकिन अब कई खेल बंद किए जा रहे हैं। वे खेल इसलिए खत्म हो रहे हैं क्योंकि सारा पैसा फुटबॉल में लगाया जा रहा है।

ट्रंप ने कॉलेज खेलों की तुलना पेशेवर लीग से करते हुए कहा कि अगर मजबूत सैलरी कैप न हो, तो सब दिवालिया हो जाएंगे।

उन्होंने भर्ती प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए और कहा, हमेशा कोई न कोई खिलाड़ी होगा जिसे सात मिलियन दे दिए जाएंगे और फिर भी टीम नहीं जीतेगी।

राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से देख रही है। उन्होंने कहा, मैं संघीय सरकार को इसके पीछे लगाने को तैयार हूं। अगर जल्दी कुछ नहीं किया गया, तो कॉलेज खत्म हो जाएंगे। यह खिलाड़ियों के लिए भी वास्तव में बहुत खराब है।

गौरतलब है कि एनआईएल प्रणाली 2021 में लागू हुई थी, जिसके तहत कॉलेज एथलीट विज्ञापन और प्रायोजन से कमाई कर सकते हैं। समर्थक इसे खिलाड़ियों के अधिकारों की दिशा में बड़ा कदम मानते हैं, जबकि आलोचकों का कहना है कि इससे भर्ती प्रक्रिया और कॉलेजों की वित्तीय स्थिरता बुरी तरह प्रभावित हुई है।

अमेरिकी विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ते हैं। ऐसे में कॉलेज खेलों की फंडिंग और कैंपस अर्थव्यवस्था में संभावित बदलाव भारतीय परिवारों, शैक्षणिक संस्थानों और नीति-निर्माताओं के लिए भी अहम माने जा रहे हैं।

--आईएएनएस

वीकेयू/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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