डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए संपत्तियों का आकलन करने के लिए ट्राई ने मैनुअल किया जारी

डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए संपत्तियों का आकलन करने के लिए ट्राई ने मैनुअल किया जारी

डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए संपत्तियों का आकलन करने के लिए ट्राई ने मैनुअल किया जारी

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IANS
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TRAI releases manual to assess properties for digital connectivity

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने बुधवार को डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए संपत्तियों की रेटिंग हेतु मैनुअल जारी किया। यह देश का पहला मानकीकृत फ्रेमवर्क है, जो यह मूल्यांकन करता है कि इमारतें उच्च गति और विश्वसनीय डिजिटल पहुंच के लिए प्रभावी रूप से कितनी सुसज्जित हैं।

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80 प्रतिशत से अधिक मोबाइल डेटा का उपयोग घर के अंदर ही किया जाता है और 4जी तथा 5जी के हाई फ्रिक्वेंसी बैंड सिग्नल अक्सर मॉडर्न डे बिल्डिंग मटेरियल के कारण कमजोर हो जाते हैं, ऐसे में काम, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और दैनिक डिजिटल सेवाओं के लिए मजबूत इन-बिल्डिंग नेटवर्क आवश्यक हो गए हैं।

कमजोर इनडोर कनेक्टिविटी उपभोक्ता अनुभव और सेवा की समग्र गुणवत्ता को सीधे प्रभावित करती है।

ट्राई के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने कहा, 21वीं सदी में, डिजिटल कनेक्टिविटी कोई विलासिता नहीं है। यह बिजली या पानी की तरह ही एक आवश्यक बुनियादी ढांचा है। आज, यह विकास, इनोवेशन और अवसर को शक्ति प्रदान करता है। यह फ्रेमवर्क भारत की प्रत्येक इमारत को डिजिटल इंडिया विजन के लिए तैयार करने, अधिक नागरिकों को हमारी कनेक्टेड अर्थव्यवस्था में पूरी तरह से भाग लेने में सक्षम बनाने और समावेशी राष्ट्रीय विकास की नींव रखने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

डिजिटल कनेक्टिविटी विनियमन, 2024 के लिए संपत्तियों की रेटिंग के अंतर्गत विकसित यह मैनुअल डिजिटल कनेक्टिविटी रेटिंग एजेंसियों (डीसीआरए) के लिए एक समान मूल्यांकन पद्धति स्थापित करता है और संपत्ति प्रबंधकों और सेवा प्रदाताओं के लिए भविष्य के लिए तैयार डिजिटल कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर की योजना बनाने, उसे लागू करने और बनाए रखने हेतु एक संदर्भ ढांचे के रूप में कार्य करता है।

यह संपत्ति रेटिंग के लिए पारदर्शी, मानकीकृत मानदंड भी परिभाषित करता है, जिसमें फाइबर की तैयारी, भवन के अंदर मोबाइल कवरेज, वाई-फाई कवरेज, ब्रॉडबैंड स्पीड और समग्र उपयोगकर्ता अनुभव शामिल हैं। साथ ही खरीदारों, किरायेदारों और व्यवसायों को वास्तविक डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदर्शन के आधार पर सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।

यह डेवलपर्स को डिजाइन और निर्माण चरण से ही मजबूत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को इंटीग्रेट करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।

पिछले एक दशक में, भारत में तेजी से डिजिटल परिवर्तन हुआ है, जिसने नागरिकों के काम करने, सीखने, स्वास्थ्य सेवा तक पहुंचने और सार्वजनिक सेवाओं से जुड़ने के तरीके को नया रूप दिया है।

विश्वसनीय डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर अब आर्थिक विकास, इनोवेशन और सामाजिक कल्याण का आधार है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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