नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। भारत सरकार की ओर से चलाए जा रहे इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-एनएएम या ई-नाम) का टर्नओवर चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में 13 प्रतिशत बढ़कर 23,500 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। एक सरकारी अधिकारी की ओर से यह जानकारी दी गई है।
ई-नाम, एक थोक प्लेटफॉर्म है, जिस पर कृषि उत्पादों का व्यापार किया जाता है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, ई-नाम प्लेटफॉर्म पर 2023-24 में 78,424 करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का व्यापार हुआ है। यह आंकड़ा 2019-20 में 34,940 करोड़ रुपये पर था।
इस प्लेटफार्म को अप्रैल 2016 में शुरू किया गया था। इससे 27 राज्यों की मंडियां जुड़ी हुई हैं, जिसमें तमिलनाडु की 157, राजस्थान की 145, गुजरात की 144, महाराष्ट्र की 133, उत्तर प्रदेश की 125, हरियाणा की 108 शामिल हैं।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि जल्द ही 1,500 और मंडियों को ई-नाम प्लेटफार्म से जोड़ा जाएगा। ई-नाम प्लेटफार्म से 4,009 कृषि उत्पाद संगठन, 2.5 लाख व्यापारी और 1.1 लाख कमीशन एजेंट जुड़े हुए हैं।
ई-नाम प्लेटफॉर्म पर अभी 200 से ज्यादा कृषि उत्पादों की ट्रेडिंग की अनुमति है। कृषि मंत्रालय की ओर से खाद्य उत्पादों जैसे दाल और अनाज की खरीद और बिक्री में लगी सभी केंद्रीय एजेंसियों जैसे फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, नाफेड आदि को सही कीमत मूल्यांकन के लिए इस प्लेटफार्म का उपयोग करने को कहा गया है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से संसद में इस हफ्ते कहा गया था कि केंद्र सरकार 100 कृषि निर्यात क्लस्टर विकसित करने के लिए 18,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी। इससे किसानों को अधिक आय हासिल करने में मदद मिलेगी। सरकार ने तिलहन मिशन के लिए 6,800 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है, जिससे तिलहन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हो।
कृषि मंत्रालय के प्रदर्शन पर संसद में चौहान ने कहा कि सरकार की योजना 50,000 जलवायु-लचीला गांव और 1,500 प्रकार के वैराइटी बीज बनाना है जिससे देश का कृषि क्षेत्र अधिक मजबूत हो।
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