आतंकवाद के खिलाफ भारत को मिला ब्रिटिश नेताओं का समर्थन, दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने पर हुई चर्चा

आतंकवाद के खिलाफ भारत को मिला ब्रिटिश नेताओं का समर्थन, दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने पर हुई चर्चा

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IANS
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Top UK leaders back India's zero tolerance against terrorism

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

लंदन, 3 जून (आईएएनएस)। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने लंदन में ब्रिटिश सरकार के मंत्रियों, सांसदों, पार्टी नेताओं, थिंक टैंक्स और भारत मैत्री समूहों के साथ उच्च-स्तरीय बैठकें कीं। इनमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की आतंकवाद-विरोधी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में जानकारी दी गई।

प्रतिनिधिमंडल ने सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ भारत-ब्रिटेन सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की और वैश्विक सुरक्षा, न्याय और रणनीतिक साझेदारी के लिए साझा प्रतिबद्धता को दोहराया।

ब्रिटिश संसद में यूके की नागरिकता और आव्रजन मंत्री सीमा मल्होत्रा के साथ बातचीत में प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को रेखांकित किया।

प्रतिनिधिमंडल ने लेबर पार्टी के भारत-मैत्री समूहों, जैसे लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया, लेबर कन्वेंशन ऑफ इंडियन ऑर्गेनाइजेशंस, सिख फॉर लेबर और हिंदू फॉर लेबर से मुलाकात कर आतंकवाद के खिलाफ भारत के एकजुट रुख को रखा।

उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई और इसे वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा बताया। साथ ही उन्होंने स्थायी शांति, सुरक्षा और मानवता के लिए मजबूत सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

लेबर इंडिया फ्रेंडशिप ग्रुप्स ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन किया। उन्होंने सहमति जताई कि आतंकी ढांचे को नष्ट करना और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकना जरूरी है, क्योंकि भारत को प्रभावित करने वाली समस्या अन्य देशों, जैसे यूके को भी प्रभावित कर सकती है।

दोनों पक्षों ने आपसी समझ बढ़ाने के लिए निरंतर संवाद और लेबर पार्टी तथा भारत के बीच सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।

कंजर्वेटिव कैंपेन मुख्यालय में प्रतिनिधिमंडल ने कंजर्वेटिव पार्टी के सह-अध्यक्ष डोमिनिक जॉनसन और कंजर्वेटिव फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के सह-अध्यक्ष कुलेश शाह के साथ चर्चा की। उन्होंने भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन किया, इसके वैश्विक प्रभाव को स्वीकार किया और यूके में भारतीय डायस्पोरा के योगदान की सराहना की।

इससे पहले, सोमवार को प्रतिनिधिमंडल ने यूके के थिंक टैंक के साथ सीमा-पार आतंकवाद और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के भारत की रणनीति में नए मानक स्थापित करने पर चर्चा की।

इससे पहले सोमवार को प्रतिनिधिमंडल ने यूके के थिंक टैंक के साथ सीमा-पार आतंकवाद के खतरे पर चर्चा की और बताया गया कि कैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नया रणनीतिक मानक स्थापित करता है।

भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, आज सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सहयोगियों के साथ, मुझे यूके के थिंक टैंक्स और शैक्षणिक समुदाय के साथ बातचीत का अवसर मिला। हमने आतंकवाद के प्रति भारत के जीरो टॉलरेंस रुख को साझा किया और राज्य-प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला करने में भारत द्वारा स्थापित नए सामान्य को उजागर किया। प्रमुख थिंक टैंक्स के साथ हमारी बातचीत सार्थक रही, और हमने अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए अपनी यात्रा का उद्देश्य बताया।

उन्होंने आगे लिखा, हमने पाकिस्तान से निपटने में भारत की क्षमता पर जोर दिया। हम शांति और सौहार्द में विश्वास करते हैं, लेकिन अपने नागरिकों को आतंकवाद से बचाने के लिए निर्णायक कदम उठाने की जरूरत को भी समझते हैं। दुनिया को आतंकवाद की समस्या को समझना होगा। हमने भारत की आर्थिक उपलब्धियों, वैश्विक स्तर पर विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने और एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में विकास पथ पर अग्रसर होने की बात भी रेखांकित की। हमारा मानना है कि आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते।

इस नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं, जिनमें रविशंकर प्रसाद (भाजपा), दग्गुबाती पुरंदेश्वरी (भाजपा), प्रियंका चतुर्वेदी (शिव सेना-यूबीटी), गुलाम अली खटाना (भाजपा), अमर सिंह (कांग्रेस), समिक भट्टाचार्य (भाजपा), एम. थंबीदुराई (एआईएडीएमके), पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर और पूर्व राजदूत पंकज सरन हैं।

फ्रांस, इटली और डेनमार्क की यात्रा के बाद यह भारतीय प्रतिनिधिमंडल ऑपरेशन सिंदूर के महत्व और भारत की वैश्विक कूटनीतिक पहल को उजागर करने के लिए लंदन पहुंचा है।

--आईएएनएस

एफएम/एएस

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