तमिलनाडु बनेगा अगली पीढ़ी के खिलौनों का ग्लोबल हब: स्टालिन ने लॉन्च की 'टॉय मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी-2025'

तमिलनाडु बनेगा अगली पीढ़ी के खिलौनों का ग्लोबल हब: स्टालिन ने लॉन्च की 'टॉय मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी-2025'

तमिलनाडु बनेगा अगली पीढ़ी के खिलौनों का ग्लोबल हब: स्टालिन ने लॉन्च की 'टॉय मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी-2025'

author-image
IANS
New Update
Stalin govt unveils toy manufacturing policy, aiming to become global hub

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

चेन्नई, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने टॉय मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025 की घोषणा की है। इसमें राज्य को अगली पीढ़ी के खिलौनों के डिजाइन, डेवलपमेंट और प्रोडक्शन के लिए एक ग्लोबल सेंटर के तौर पर स्थापित करने का एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तैयार किया गया है।

Advertisment

बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ, यह पॉलिसी तमिलनाडु की सदियों पुरानी कारीगरी वाली खिलौनों की परंपराओं को फिर से जिंदा करना और उन्हें आधुनिक सप्लाई चेन के साथ जोड़ना चाहती है। यह पॉलिसी बड़े ग्लोबल खिलौना बाजार पर ध्यान देती है, जिसका अनुमान 2024 में लगभग 180 बिलियन डॉलर है, जबकि इसमें भारत का हिस्सा एक प्रतिशत से भी कम है।

अधिकारी इस अंतर को तमिलनाडु के लिए एक महत्वपूर्ण हाई-ग्रोथ अवसर के रूप में देखते हैं। इसका फायदा उठाने के लिए, राज्य सरकार का लक्ष्य कम से कम 10 एंकर निवेशकों को आकर्षित करना, एक डेडिकेटेड खिलौना मैन्युफैक्चरिंग पार्क स्थापित करना और रिसर्च, इनोवेशन और हाई-स्किल्ड नौकरियों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए क्रिएटिव डिजाइन स्टूडियो को बढ़ावा देना है।

एसटीईएम-आधारित एजुकेशनल खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक और इंटरैक्टिव खिलौने, पजल्स और बोर्ड गेम्स, एक्शन फिगर्स और प्लस डॉल्स जैसी भविष्य की और हाई-वैल्यू प्रोडक्ट कैटेगरी को प्राथमिकता दी जाएगी। 50 करोड़ रुपए से ज्यादा के बड़े निवेश, जिनसे कम से कम 500 नौकरियां पैदा होंगी, उन्हें एक विशेष प्रोत्साहन पैकेज मिलेगा। इसमें फिक्स्ड कैपिटल सब्सिडी, जमीन आवंटन में छूट, स्टाम्प ड्यूटी में छूट, ट्रेनिंग सब्सिडी, क्वालिटी सर्टिफिकेशन के लिए सहायता, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी बनाने में सहायता और बिजली टैक्स में राहत शामिल है।

खिलौना मैन्युफैक्चरिंग में आने वाले माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमईज) एमएसएमई पॉलिसी 2021 के तहत 1.5 करोड़ रुपए तक की कैपिटल सब्सिडी, साथ ही पेरोल सपोर्ट, आईपी क्रिएशन सब्सिडी, और ब्याज रिम्बर्समेंट के लिए योग्य होंगे।

यह पॉलिसी उन मैन्युफैक्चरर्स के लिए लक्षित प्रोत्साहन भी पेश करती है जो एक्सपेरिमेंटल लर्निंग खिलौने और विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए समावेशी खिलौने बनाते हैं, जो सामाजिक प्रभाव को ग्लोबल सुरक्षा और पहुंच मानकों के साथ जोड़ते हैं।

क्रिएटिविटी-आधारित उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए, राज्य में स्थापित क्रिएटिव डिज़ाइन स्टूडियो को 12 महीनों के लिए 30 प्रतिशत पेरोल सब्सिडी दी जाएगी। यह पॉलिसी पांच साल के लिए वैध रहेगी और इसे उद्योग विभाग के माध्यम से लागू किया जाएगा, जिसमें एसआईपीसीओटी प्रोत्साहन वितरण के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा, साथ ही एमएसएमईज के लिए अलग-अलग फैसिलिटी सिस्टम भी होंगे।

--आईएएनएस

एससीएच/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment