सरकारी विज्ञापनों में पूर्व सीएम के नाम और पार्टी चिन्ह पर प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची तमिलनाडु सरकार

सरकारी विज्ञापनों में पूर्व सीएम के नाम और पार्टी चिन्ह पर प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची तमिलनाडु सरकार

सरकारी विज्ञापनों में पूर्व सीएम के नाम और पार्टी चिन्ह पर प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची तमिलनाडु सरकार

author-image
IANS
New Update
TN moves SC against ban on ex-CM’s name, party symbols in govt ads

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसमें सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं के विज्ञापनों में जीवित व्यक्तियों, पूर्व मुख्यमंत्रियों, नेताओं या राजनीतिक पार्टी के प्रतीकों की छवियों का उपयोग करने पर रोक लगा दी गई थी।

Advertisment

वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के तमिलनाडु सरकार की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) का उल्लेख करने के बाद, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने इस मामले को इसी सप्ताह तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।

रोहतगी ने कहा, यह एक अत्यंत आवश्यक और असामान्य मामला है। मद्रास उच्च न्यायालय ने आदेश पारित किया है कि राज्य सरकार की किसी भी योजना में मुख्यमंत्री या किसी अन्य राजनीतिक व्यक्ति का नाम नहीं हो सकता। हम (राज्य सरकार) किसी योजना का नाम क्यों नहीं रख सकते? ये योजनाएं गरीबों के कल्याण के लिए हैं।

मद्रास उच्च न्यायालय ने 31 जुलाई को पारित एक आदेश में कहा था कि वर्तमान मुख्यमंत्री की तस्वीरें तो अनुमन्य हो सकती हैं, लेकिन सरकारी योजनाओं में वैचारिक हस्तियों, पूर्व मुख्यमंत्रियों या पार्टी के चिन्हों का उपयोग सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के विरुद्ध होगा।

मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की पीठ अन्नाद्रमुक सांसद सी. वी. षणमुगम की एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी। षणमुगम ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार ने जन कल्याणकारी योजनाओं की ब्रांडिंग मुख्यमंत्री के नाम और तस्वीर के साथ-साथ पार्टी के पूर्व नेताओं और वैचारिक दिग्गजों की तस्वीरों के साथ करके सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है।

सरकारी विज्ञापनों की सामग्री को विनियमित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए क्रमिक निर्देशों और साथ ही भारत के चुनाव आयोग के 2014 के सरकारी विज्ञापन (सामग्री विनियमन) दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए, मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक अंतरिम आदेश पारित किया। इस आदेश में तमिलनाडु सरकार को कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित विज्ञापनों में किसी भी जीवित राजनीतिक व्यक्ति का नाम, या किसी भी राजनीतिक दल के पूर्व मुख्यमंत्रियों या वैचारिक नेताओं की तस्वीरें शामिल करने पर रोक लगा दी गई।

मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा, सरकारी योजना के नामकरण में किसी जीवित राजनीतिक व्यक्ति का नाम उल्लेखित करना स्वीकार्य नहीं होगा। इसके अलावा, किसी भी सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के नाम, उसके प्रतीक चिन्ह/लोगो/प्रतीक/झंडे का उपयोग करना भी प्रथम दृष्टया सर्वोच्च न्यायालय और भारत के चुनाव आयोग के निर्देशों के विरुद्ध प्रतीत होता है।

न्यायालय ने स्पष्ट किया कि उसका आदेश सरकारी कल्याणकारी कार्यक्रमों के शुभारंभ या कार्यान्वयन पर प्रतिबंध नहीं लगाता है।

--आईएएनएस

एससीएच/एबीएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment