कैंसर इलाज में नई उम्मीद, नैनोडॉट्स से बिना साइड इफेक्ट के हो सकता है उपचार

कैंसर इलाज में नई उम्मीद, नैनोडॉट्स से बिना साइड इफेक्ट के हो सकता है उपचार

कैंसर इलाज में नई उम्मीद, नैनोडॉट्स से बिना साइड इफेक्ट के हो सकता है उपचार

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IANS
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Tiny metal particles show potential in targeting cancer cells: Study

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज की दिशा में एक नई और संभावित रूप से सुरक्षित तकनीक विकसित की है। टीम ने ऐसे सूक्ष्म धातु कण तैयार किए हैं जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकते हैं। यह खोज कैंसर के इलाज को अधिक सटीक और कम हानिकारक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया स्थित रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आरएमआईटी) का यह अध्ययन अभी शुरुआती चरण में है और प्रयोगशाला में शोध अभी केवल कोशिकाओं पर किया गया है। इसे अभी जानवरों या इंसानों पर नहीं आजमाया गया है। शोध के नतीजे बताते हैं कि वैज्ञानिक अब कैंसर की अपनी कमजोरियों का उपयोग करके उसे हराने की नई रणनीति विकसित कर सकते हैं।

आरएमआईटी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय टीम ने इन सूक्ष्म कणों को तैयार किया है जिन्हें नैनोडॉट्स कहा जाता है। ये नैनोडॉट्स मोलिब्डेनम ऑक्साइड नामक यौगिक से बनाए गए हैं। मोलिब्डेनम एक दुर्लभ धातु है जिसका उपयोग अक्सर इलेक्ट्रॉनिक्स और मिश्र धातुओं में किया जाता है। वैज्ञानिकों ने इन कणों की रासायनिक संरचना में बदलाव करके उन्हें इस तरह तैयार किया कि वे रिएक्टिव ऑक्सीजन मॉलिक्यूल्स छोड़ सकें। यह ऑक्सीजन का अस्थिर रूप होता है जो कैंसर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर उन्हें स्वयं नष्ट होने पर मजबूर कर देता है।

एडवांस्ड साइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इन नैनोडॉट्स ने प्रयोगशाला परीक्षणों में सिर्फ 24 घंटे में सर्वाइकल कैंसर की कोशिकाओं को स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में तीन गुना अधिक प्रभाव से मारा। खास बात यह है कि इस प्रक्रिया में किसी प्रकाश की आवश्यकता नहीं पड़ी। सामान्यत: जो तकनीकें ऑक्सीडेटिव पर आधारित होती हैं, उन्हें प्रकाश की जरूरत होती है, लेकिन इस नई तकनीक ने बिना किसी बाहरी ऊर्जा स्रोत के ही प्रभाव दिखाया।

आरएमआईटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग की शोधकर्ता और अध्ययन की प्रमुख लेखिका झांग बाओयुए ने कहा, कैंसर कोशिकाएं सामान्य कोशिकाओं की तुलना में पहले से ही अधिक तनाव में रहती हैं। इन नैनोडॉट्स की मदद से यह तनाव थोड़ा और बढ़ जाता है, जिससे कैंसर कोशिकाएं खुद को नष्ट कर लेती हैं। दूसरी ओर, स्वस्थ कोशिकाएं इस अतिरिक्त तनाव को सह लेती हैं और उन्हें कोई गंभीर नुकसान नहीं होता।

झांग ने कहा, ये कण केवल कैंसर कोशिकाओं में ही ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करते हैं, जिससे वे अधिक सटीक और सुरक्षित तरीके से काम करते हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी तक अधिकांश कैंसर उपचार, जैसे कीमोथेरेपी या रेडिएशन, कैंसर और स्वस्थ दोनों तरह की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके कारण मरीजों को थकान, बाल झड़ना, कमजोरी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन यह नई तकनीक कैंसर कोशिकाओं को चुनकर नुकसान पहुंचाती है, जिससे इलाज ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी हो सकता है।

एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि ये नैनोडॉट्स महंगी या ज़हरीली धातुओं से नहीं बने हैं। बल्कि इन्हें आम और सस्ती धातु ऑक्साइड से तैयार किया गया है। इससे इनके विकास और उत्पादन की लागत कम होगी और भविष्य में इन्हें व्यापक रूप से इस्तेमाल करने की संभावना बढ़ जाएगी।

--आईएएनएस

पीके/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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