नेपाल में हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को PM सुशीला कार्की ने दी कड़ी चेतावनी

सुशीला कार्की ने आश्वासन दिया कि सरकार सिंह दरबार, संसद भवन, सर्वोच्च न्यायालय, व्यावसायिक परिसरों और निजी संपत्तियों सहित प्रमुख संस्थानों को निशाना बनाकर की गई तोड़फोड़ की जांच करेगी.

सुशीला कार्की ने आश्वासन दिया कि सरकार सिंह दरबार, संसद भवन, सर्वोच्च न्यायालय, व्यावसायिक परिसरों और निजी संपत्तियों सहित प्रमुख संस्थानों को निशाना बनाकर की गई तोड़फोड़ की जांच करेगी.

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Mohit Sharma
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Sushila Karki

Sushila Karki Photograph: (Social Media)

नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने रविवार को पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि आपराधिक कृत्यों की गहन जांच होनी चाहिए, सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले प्रधानमंत्री कार्की ने घोषणा की कि जेन-जी के विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों को शहीद माना जाएगा और प्रत्येक शोक संतप्त परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.

राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक

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उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है. काठमांडू पोस्ट ने उनके हवाले से कहा, मैंने महज 27 घंटों के विरोध प्रदर्शन में ऐसा बदलाव कभी नहीं देखा. हम सभी को समूह की मांगों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम करना होगा. मैं यहां किसी इच्छा से नहीं आई हूं. आप सभी के आग्रह के बाद मैंने यह जिम्मेदारी ली है. प्रधानमंत्री ने कहा, विरोध प्रदर्शनों के नाम पर जो कुछ हुआ, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि इसे योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया, जिससे किसी सवाल उठते हैं.

सुरक्षा बलों से झड़प में 72 लोगों की मौत

कार्की ने आश्वासन दिया कि सरकार सिंह दरबार, संसद भवन, सर्वोच्च न्यायालय, व्यावसायिक परिसरों और निजी संपत्तियों सहित प्रमुख संस्थानों को निशाना बनाकर की गई तोड़फोड़ की जांच करेगी. उन्होंने नेपाल की नाजुक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया. द हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल में जेन-जी के विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों से झड़प में 72 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 59 प्रदर्शनकारी, 10 कैदी और तीन पुलिस अधिकारी शामिल हैं.

विरोध प्रदर्शनों के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को शहीद माना जाएगा

मुख्य सचिव एकनारायण आर्यल ने सरकार के फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को शहीद माना जाएगा और उनके परिवारों को दस-दस लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. काठमांडू पोस्ट के अनुसार, सरकार ने 134 घायल प्रदर्शनकारियों और 57 घायल पुलिसकर्मियों के लिए मुफ्त चिकित्सा उपचार भी सुनिश्चित किया है.

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