Advertisment

सुरक्षा परिषद के विस्तार का विरोध करने वाले देशों की होनी चाहिए आलोचना : भारत

सुरक्षा परिषद के विस्तार का विरोध करने वाले देशों की होनी चाहिए आलोचना : भारत

author-image
IANS
New Update

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

Advertisment

संयुक्त राष्ट्र, 22 अगस्त (आईएएनएस)। भारत ने कहा है कि उन देशों की खुले तौर पर आलोचना होनी चाहिए जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार को रोक रहे हैं और अफ्रीका को इसमें उचित स्थान नहीं देना चाहते हैं।

भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रभारी आर. रवींद्र ने बुधवार को एक मीटिंग में कहा, सुरक्षा परिषद का विस्तार और उसमें अफ्रीका के उचित स्थान को नकारने वाले देशों को डिस्क्रेडिट करना चाहिए।

परिषद के अध्यक्ष सिएरा लियोन द्वारा आयोजित एक इवेंट में उन्होंने कहा, अफ्रीका को स्थायी सदस्य बनाने से इनकार करना परिषद की सामूहिक विश्वसनीयता पर एक धब्बा है।

रवींद्र ने कहा, भारत ने हमेशा परिषद के विस्तार में अफ्रीका के स्थाई प्रतिनिधित्व की मांग की है।

उन्होंने बताया कि शांति स्थापना के लिए परिषद के लगभग 70 प्रतिशत आदेश अफ्रीका के लिए हैं।

परिषद में सुधार के लिए, पिछले कुछ दशकों से शिथिल पड़े प्रयास को अगले वर्ष संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ पर कार्रवाई की मांग करते हुए अफ्रीकी देशों द्वारा नए सिरे से सुधार के दबाव के रूप में देखा जा रहा है।

12 देशों के समूह यूनाइटिंग फॉर कंसेंसस ने कुछ देशों द्वारा स्थायी सदस्यता पाने के विरोध के कारण सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कड़ा संघर्ष किया है।

इस समूह का नेतृत्व इटली कर रहा है और इसमें पाकिस्तान और कनाडा शामिल है।

इसके बाद रवींद्र ने पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम द्वारा कश्मीर मुद्दे को उठाने और इसे फिलिस्तीन मुद्दे से जोड़ने के प्रयास को खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा, “हमने पहले एक प्रतिनिधिमंडल को भारत के बारे में फिर से झूठ दोहराते हुए सुना। ऐसी टिप्पणियां अपमानजनक हैं। हमें ऐसी टिप्पणियों को सिरे से खारिज कर देना चाहिए।

रवींद्र ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, नहीं तो पाकिस्तान को भी जवाब देने का मौका मिल जाता।

--आईएएनएस

पीएसएम/एसकेपी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment
Advertisment
Advertisment