New Update
/newsnation/media/post_attachments/thumbnails/202507053444394.jpeg)
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
'हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं', भाषा विवाद पर बोले राज ठाकरे
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
मुंबई, 5 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में जारी भाषा विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने मराठी एकता पर मुंबई के वर्ली डोम में एक रैली को संबोधित किया। इस अवसर पर राज ठाकरे ने कहा, मैंने कहा था कि झगड़े से बड़ा महाराष्ट्र है। हम 20 साल बाद एक मंच पर आए हैं। हमारे लिए कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। सिर्फ महाराष्ट्र और मराठी हमारे लिए एजेंडा है।
राज ठाकरे ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम शांत हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी से डरते हैं। मुंबई को महाराष्ट्र से कोई भी अलग नहीं कर सकता। हिंदी अच्छी भाषा है, लेकिन इसे थोपा नहीं जा सकता है। हिंदी बोलने वाले महाराष्ट्र में रोजगार के लिए आते हैं।
मनसे अध्यक्ष ने कहा, एक मंत्री मुझसे मिले और अपनी बात सुनाने को कहा। मैंने साफ कहा कि मैं सुनूंगा पर मानूंगा नहीं। मैंने उनसे सवाल किया कि उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में तीसरी भाषा क्या होगी। ये सभी हिंदी भाषी राज्य हमसे पीछे हैं, हम उनसे आगे हैं, फिर हमें जबरन हिंदी क्यों सीखनी पड़े? तो यह अन्याय है।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि तीन भाषा का फॉर्मूला कहां से आया? ये सिर्फ केंद्र सरकार से आया है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ अंग्रेजी में है, किसी और राज्य में ऐसा नहीं है। सिर्फ महाराष्ट्र में ही ऐसा क्यों? जब महाराष्ट्र जागता है, तो दुनिया देखती है। मराठा शासन हिंदी भाषा से भी पुराना है। मेरे पिता और बाला साहेब ने भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई की थी। क्या आपने कभी उनके मराठी या महाराष्ट्र प्रेम पर सवाल उठाया?
राज ठाकरे ने कहा कि हमारे बच्चे इंग्लिश मीडियम जाते हैं तो हमारी मराठी पर सवाल उठते हैं। लालकृष्ण आडवाणी मिशनरी स्कूल में पढ़े हैं तो क्या उनके हिंदुत्व पर सवाल उठाएं? हम हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं करेंगे। वे बस मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करना चाहते हैं, यही उनका एजेंडा है। वे मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। अब वे यह मुद्दा उठा रहे हैं कि ठाकरे के बच्चे अंग्रेजी में पढ़े हैं। यह क्या बकवास है? कई भाजपा नेताओं ने अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की है, लेकिन किसी को उनके हिंदुत्व पर संदेह है।
उन्होंने कहा, दक्षिण में स्टालिन, कनिमोझी, जयललिता, नारा लोकेश और सूर्या, सभी ने अंग्रेजी में पढ़ाई की है। बालासाहेब और मेरे पिता श्रीकांत ठाकरे ने अंग्रेजी में पढ़ाई की है, लेकिन वे मातृभाषा मराठी के प्रति बहुत संवेदनशील थे। बालासाहेब ठाकरे ने अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की, लेकिन उन्होंने मराठी भाषा से समझौता नहीं किया। किसी को भी मराठी को तिरछी नजर से नहीं देखना चाहिए।
वहीं, उद्धव ठाकरे ने मंच पर आते ही कहा, राज ठाकरे ने बहुत कुछ बोल दिया, क्या मुझे कुछ बोलने की जरूरत है?
--आईएएनएस
पीएसके/केआर
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.