पश्चिम बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र सोमवार से, हंगामेदार रहने के आसार

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पश्चिम बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र सोमवार से, हंगामेदार रहने के आसार

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IANS
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West Bengal Assembly special session from Monday to be marred by protests (Photo: IANS)

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

कोलकाता, 31 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र का आगाज सोमवार से होगा। सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बिहार एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों को लेकर निंदा प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।

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दूसरी ओर, भाजपा भी तैयार है। पार्टी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ममता सरकार को घेरने की योजना बनाई है।

दरअसल, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ने कुछ दागी और अयोग्य उम्मीदवारों की सूची जारी की थी, जिनका संबंध टीएमसी के बड़े नेताओं से है। बस इसी को आधार बनाकर टीएमसी पर हमला बोलने का फैसला लिया गया है।

विधानसभा का विशेष सत्र 1, 2 और 4 सितंबर को होगा, क्योंकि 3 सितंबर को करम पूजा के कारण राजकीय अवकाश है।

तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार राज्य के बाहर बंगालियों के उत्पीड़न की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पेश करेगी।

इस मुद्दे के अलावा, राज्य सरकार बिहार एसआईआर और पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाने की संभावना के खिलाफ एक प्रस्ताव ला सकती है।

इस बीच, राज्य सरकार अपराजिता विधेयक पर चर्चा कर सकती है और इसे राज्य को वापस भेजने के लिए केंद्र की निंदा कर सकती है।

3 सितंबर, 2024 को, पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सर्वसम्मति से अपराजिता विधेयक पारित किया था, जिसमें यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया था।

यह विधेयक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने 6 सितंबर, 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा था।

कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के 25 दिन बाद पारित हुए इस विधेयक में पांच प्रकार के अपराधों में मृत्युदंड का प्रावधान है।

अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक, 2024 में मृत्युदंड के प्रावधानों पर चिंता जताते हुए, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस ने पिछले महीने इस विधेयक को आगे विचार के लिए राज्य सरकार को लौटा दिया था।

दूसरी ओर, भाजपा तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के भ्रष्टाचार को उजागर करेगी और राज्य सरकार द्वारा एसआईआर के खिलाफ प्रस्ताव लाने के कदम का विरोध करेगी।

भाजपा विधायक और विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने कहा, कल हम राज्य विधानसभा में भाजपा विधायक दल की बैठक करेंगे, जहां हम विशेष सत्र में अपनी रणनीति पर चर्चा करेंगे। तृणमूल कांग्रेस को केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाने से पहले यह जवाब देना होगा कि उनके रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों के नाम दागी और अयोग्य उम्मीदवारों की सूची में क्यों हैं।

पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग (डब्ल्यूबीसीएसएससी) ने शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार दागी अयोग्य उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित की थी।

उस सूची में तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं के रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों के नाम भी शामिल हैं, जिन्होंने एसएससी भर्ती घोटाले के तहत सरकारी स्कूलों में अनुचित तरीकों से शिक्षक की नौकरी हासिल की।

--आईएएनएस

केआर/

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