एस जयशंकर ने बड़ी चुनौतियों के लिए पाकिस्तानी सेना को ठहराया जिम्मेदार

एस जयशंकर ने बड़ी चुनौतियों के लिए पाकिस्तानी सेना को ठहराया जिम्मेदार

एस जयशंकर ने बड़ी चुनौतियों के लिए पाकिस्तानी सेना को ठहराया जिम्मेदार

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IANS
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New Delhi: S. Jaishankar addresses 10th International Gita Mahotsav virtually

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद से निपटने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई है। इसके अलावा, उन्होंने भारत के सामने खड़ी बड़ी चुनौतियों के लिए पाकिस्तानी सेना को जिम्मेदार ठहराया।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एचटी लीडरशिप समिट में एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ राहुल कवल के साथ बातचीत में कहा, जब आप आतंकवाद को देखते हैं, जब आप ट्रेनिंग कैंप को देखते हैं, जब आप भारत के प्रति लगभग वैचारिक दुश्मनी वाली नीति देखते हैं, तो यह कहां से आती है? यह पाकिस्तानी सेना से आती है। मैं बस इतना कह सकता हूं कि आखिर में, पाकिस्तान की हालत को देखें और दोनों तरफ के अंतर और काबिलियत और प्रतिष्ठा को देखें। मुझे लगता है, हमें उनके बारे में बहुत ज्यादा नहीं सोचना चाहिए और खुद को उनसे जोड़कर नहीं देखना चाहिए।

पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर को लेकर एस जयशंकर ने कहा, देखिए, कुछ मिलिट्री लीडर्स अच्छे होते हैं, तो कुछ नहीं।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पीओके में आतंकी कैंप के खिलाफ भारत की लक्षित सैन्य कार्रवाई को लेकर उन्होंने बताया कि भारत एक ऐसे विशिष्ट ढांचे के तहत काम करता है, जिसमें स्पष्ट मानदंड और जिम्मेदारी मुख्य आधार होते हैं।

जब उनसे पूछा गया कि क्या ऑपरेशन अलग तरीके से किया जा सकता था, तो उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि जहां तक ​​भारत की बात है, कुछ चीजें हैं जो हम करते हैं, और कुछ चीजें हैं जो हम नहीं करते हैं। हमारे पास नियम हैं, हमारे पास मानक हैं। अगर हम कोई कदम उठाते हैं, तो हम इस देश में, लोगों के प्रति, मीडिया के प्रति, सिविल सोसाइटी के प्रति जिम्मेदार हैं। मुझे लगता है कि उनसे अपनी तुलना करना गलत होगा, और कई मायनों में, हम अपने साथ अन्याय करेंगे।

हाल ही में बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई। इसके बाद यूनुस सरकार ने भारत से हसीना के प्रत्यार्पण की अपील की। इसे लेकर एस जयशंकर ने कहा कि भारत में रहने का उनका फैसला उन हालातों से तय हुआ जिनमें वह आई थीं।

बता दें कि बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद पिछले साल अगस्त में हसीना भारत आई थीं। इस दौरान बांग्लादेश में हुई हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए थे और हजारों घायल हुए थे।

इसी सिलसिले में जब भारत के विदेश मंत्री से पूछा गया कि क्या वह जब तक चाहें भारत में रह सकती हैं, तो उन्होंने कहा, ठीक है, यह एक अलग मुद्दा है। इसके बारे में उन्हें अपना मन बनाना होगा।

उन्होंने भारत-बांग्लादेश रिश्तों के भविष्य के बारे में उम्मीद जताई और अपने पड़ोसी से भारत की डेमोक्रेटिक उम्मीदों पर जोर दिया और कहा, जहां तक ​​हमारी बात है, हम बांग्लादेश के लिए शुभकामनाएं देते हैं। हम एक लोकतांत्रिक देश के तौर पर सोचते हैं; कोई भी लोकतांत्रिक देश लोकतांत्रिक तरीके से लोगों की इच्छा पूरी होते देखना पसंद करता है।

उन्होंने आगे कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जो भी निकलेगा, उसमें रिश्तों के बारे में एक संतुलित और परिपक्व नजरिया होगा, और उम्मीद है कि चीजें बेहतर होंगी।

--आईएएनएस

केके/डीएससी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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