पिछले 11 वर्षों में भारत के मध्यम वर्ग को कर सुधारों और पेंशन योजनाओं से हुआ लाभ

पिछले 11 वर्षों में भारत के मध्यम वर्ग को कर सुधारों और पेंशन योजनाओं से हुआ लाभ

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IANS
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Tax reforms, pension schemes have benefited India’s middle class in last 11 years

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। पिछले 11 वर्षों में सरकार ने मध्यम वर्ग के जीवन को आसान और अधिक सम्मानजनक बनाने के लिए लगातार सुधार किए हैं। गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इन सुधारों में कर राहत से लेकर उनके हाथों में अधिक पैसा आने तक के कदम और वृद्धावस्था में सुरक्षा का वादा करने वाली पेंशन योजनाएं शामिल हैं।

सरकार ने लालफीताशाही को खत्म किया है, नियमों को सरल बनाया है और रोजमर्रा की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया है। टैक्स फाइल करने से लेकर घर की खरीदारी और दवाइयों का खर्च लगभग हर चीज आसान और सुलभ हो गई है।

बयान में कहा गया है कि सरकार ने न केवल मध्यम वर्ग की कड़ी मेहनत का सम्मान किया है, बल्कि उन्हें भारत के विकास के प्रमुख चालकों के रूप में भी मान्यता दी है।

बयान में बताया गया है कि आयकर दरों को कम करने से लेकर रिटर्न को सरल बनाने तक नागरिकों को उनकी कमाई का अधिक हिस्सा रखने के मूल विचार के साथ जुड़ा है।

पिछले ग्यारह वर्षों में सरकार ने कई प्रयासों के साथ करदाताओं के लिए जीवन को आसान बनाया है। कर छूट की सीमा बढ़ाने के साथ मानक कटौती शुरू की गई और 2020 में आसान कर व्यवस्था से कागजी कार्रवाई को लगभग खत्म किया गया।

करोड़ों वेतनभोगियों को लाभ प्रदान करने के लिए केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई घोषणा के अनुसार, सालाना 12 लाख रुपए तक कमाने वाले व्यक्ति अब पूंजीगत लाभ जैसी विशेष आय को छोड़कर आयकर नहीं देंगे। 75,000 रुपए की मानक कटौती के साथ, 12.75 लाख रुपए कमाने वाले भी किसी तरह कोई कर नहीं देंगे।

मानक कटौती स्वचालित रूप से एक निश्चित राशि से कर योग्य आय को कम करती है, जिससे वेतनभोगी कर्मचारियों पर बोझ कम होता है क्योंकि इससे उन्हें कई छूटों का दावा करने या विस्तृत प्रमाण पेश करने की जरूरत नहीं होती है। यह सुधार मध्यम वर्ग की जरूरतों की गहरी समझ को दर्शाता है।

कर अनुपालन को आसान बनाने के लिए, व्यक्तिगत करदाताओं को अब पहले से भरे हुए आयकर रिटर्न प्रदान किए जाते हैं। इन रिटर्न में वेतन आय, बैंक ब्याज, लाभांश और बहुत कुछ जैसे विवरण शामिल हैं।

यह आसान व्यक्तिगत आईटीआर फाइलिंग में वृद्धि में दिखाई देती है, जो वित्त वर्ष 2013-14 में 3.91 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 9.19 करोड़ हो गई। यह वृद्धि दर्शाती है कि इन बीते वर्षों में अधिक से अधिक लोगों को कर कानूनों का अनुपालन करना सरल और सार्थक लगने लगा।

वित्त वर्ष 2004-05 से 2013-14 के दशक में औसत वार्षिक मुद्रास्फीति 8.2 प्रतिशत की तीव्र दर पर रही। 2015-16 और 2024-25 के बीच मुद्रास्फीति औसतन 5 प्रतिशत तक कम हो गई है, जिससे लोगों के लिए जीवन यापन की लागत कम हो गई है। स्थिर कीमतों ने परिवारों को राहत दी।

सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक बड़े कदम के तौर पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त, 2024 को यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी।

यह योजना सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों के दौरान प्राप्त औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन सुनिश्चित करती है, जो कम से कम 25 वर्ष की सेवा वाले कर्मचारियों के लिए लागू है।

बयान में कहा गया है कि कम सेवा अवधि वाले लोगों के लिए, पेंशन की गणना आनुपातिक रूप से की जाएगी, जिसमें न्यूनतम योग्यता अवधि 10 वर्ष होगी।

--आईएएनएस

एसकेटी/जीकेटी

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