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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
जयपुर, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत दवाओं के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने और प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं के मामलों को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौर ने जोर देकर कहा कि दवाएं केवल पंजीकृत डॉक्टर की सलाह पर ही ली जाएं और स्वयं दवा लेने (सेल्फ-मेडिकेशन) से बचें। उन्होंने चेतावनी दी कि बिना उचित परामर्श के दवा वितरण या सेवन, या लापरवाही के कारण दुष्प्रभाव होने पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।
जनजागरूकता बढ़ाने के लिए राज्यभर में शनिवार से आशा, एएनएम और सीएचओ टीमें घर-घर सर्वे करेंगी। ये टीमें लोगों को बीमार पड़ते ही चिकित्सकीय परामर्श लेने, दवाओं को बच्चों की पहुंच से दूर रखने और निर्धारित मात्रा में ही दवा सेवन करने के बारे में जागरूक करेंगी।
हाल ही में बच्चों द्वारा बिना पर्ची के कफ सिरप लेने के बाद गंभीर दुष्प्रभाव सामने आने की घटनाओं पर चिंता जताते हुए राठौर ने कहा कि फार्मासिस्ट बिना पर्ची के दवाएं न दें और डॉक्टर बच्चों एवं वयस्कों को दवा लिखते समय सभी प्रोटोकॉल का पालन करें।
उन्होंने निर्देश दिया कि मरीजों और उनके परिजनों को दवा की सही मात्रा, सेवन की आवृत्ति और संभावित दुष्प्रभावों की स्पष्ट जानकारी दी जाए।
राठौर ने कहा कि मानसून के बाद खांसी, सर्दी और बुखार के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने डॉक्टरों को आयु-विशेष पर्चे के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने और जांच व उपचार की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव ने कहा कि चार वर्ष से कम आयु के बच्चों को डेक्स्ट्रोमॉर्फन युक्त दवाएं नहीं दी जानी चाहिए। लोगों को पुरानी या बची हुई दवाओं का बिना चिकित्सकीय सलाह के उपयोग करने से बचने की अपील की गई है।
गंभीर दुष्प्रभाव जैसे सांस लेने में तकलीफ, बेहोशी, उल्टी या दौरे पड़ने की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन 104/108 या राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम (0141-2225624) पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।
निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने चिकित्सकों को पर्चे पर स्पष्ट रूप से दवा की मात्रा और समय लिखने तथा मरीजों को समझाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर आरसीएच की निदेशक डॉ. मधु रतेश्वर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
--आईएएनएस
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