'भारत टैक्सी ऐप' से सर्ज प्राइसिंग पर लगेगी रोक, ऐप अभी टेस्टिंग और ट्रायल फेज में : नितिन गडकरी

'भारत टैक्सी ऐप' से सर्ज प्राइसिंग पर लगेगी रोक, ऐप अभी टेस्टिंग और ट्रायल फेज में : नितिन गडकरी

'भारत टैक्सी ऐप' से सर्ज प्राइसिंग पर लगेगी रोक, ऐप अभी टेस्टिंग और ट्रायल फेज में : नितिन गडकरी

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IANS
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Surge pricing: Bharat Taxi App in testing and trial phase, says Nitin Gadkari

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। निजी ऑनलाइन कैब एग्रीगेटर्स यानी प्राइवेट कैब ऐप्स द्वारा किराए में बढ़ोतरी (सर्ज प्राइसिंग) के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सहकारी मोबाइल ऐप भारत टैक्सी ऐप टेस्टिंग और ट्रायल फेज में है।

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गडकरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि भारत टैक्सी ऐप का उद्देश्य सहकारी मॉडल पर ड्राइवरों के स्वामित्व वाली एक एप्लीकेशन बनाना है। यह ऐप सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड (एसटीसीएल) के तहत काम करेगा। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) इस भारत टैक्सी राइड-हेलिंग सेवा को स्थापित करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

गडकरी ने आगे कहा कि सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस, 2025 जारी की हैं, जिनका उद्देश्य एग्रीगेटर्स, जिनमें ऐप-आधारित कैब सेवाएं भी शामिल हैं, को हल्के तरीके से रेगुलेट करना है। साथ ही, यूजर्स की सुरक्षा और ड्राइवर की भलाई से संबंधित मुद्दों का ध्यान रखना है। इन गाइडलाइंस में किराए को लेकर भी नियम दिए गए हैं।

उन्होंने आगे कहा, इन गाइडलाइंस में डायनेमिक प्राइसिंग की अनुमति दी गई है, जिसमें एग्रीगेटर्स राज्य-निर्धारित बेस फेयर से 50 प्रतिशत कम शुल्क ले सकते हैं और पीक घंटों में अधिकतम सर्ज प्राइसिंग को बेस फेयर के दो गुना तक सीमित किया गया है। साथ ही पारदर्शिता, जिम्मेदारी और यात्रियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य द्वारा निर्धारित शुल्क को बेस फेयर माना जाएगा।”

गाइडलाइंस के अनुसार, ड्राइवर-स्वामित्व वाले वाहन को कम से कम 80 प्रतिशत किराया मिलेगा, जबकि एग्रीगेटर द्वारा स्वामित्व वाले वाहन के मामले में ऑन-बोर्ड ड्राइवर को कम से कम 60 प्रतिशत भाड़ा मिलेगा। वहीं, सर्ज प्राइसिंग के मामले में लाभार्थी ड्राइवर होगा। इससे आपूर्ति बढ़ेगी और उच्च मांग के दौरान सेवाएं बेहतर उपलब्ध होंगी।

गडकरी ने बताया कि गाइडलाइंस में यह भी प्रावधान है कि अगर एग्रीगेटर कोई अत्यधिक या अनुचित भाड़ा यात्रियों से वसूलता है, तो उनके लाइसेंस को निलंबित या रद्द किया जा सकता है। गाइडलाइंस यह सुनिश्चित करती हैं कि किसी भी यात्री से डेड माइलेज के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा, सिवाय इसके कि जब यात्रा की दूरी तीन किलोमीटर से कम हो और भाड़ा केवल शुरुआत बिंदु से गंतव्य तक ही लिया जाएगा।

- आईएएनएस

दुर्गेश बहादुर/एबीएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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