टाइप 2 डायबिटीज की दवा 'ग्लिपिजाइड' दिल के लिए खतरनाक: शोध में खुलासा

टाइप 2 डायबिटीज की दवा 'ग्लिपिजाइड' दिल के लिए खतरनाक: शोध में खुलासा

टाइप 2 डायबिटीज की दवा 'ग्लिपिजाइड' दिल के लिए खतरनाक: शोध में खुलासा

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IANS
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Study links common diabetes drug with cardiovascular risk

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि अमेरिका में टाइप 2 डायबिटीज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा ग्लिपिजाइड दिल को नुकसान पहुंचा सकती है।

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मास जनरल ब्रिघम के शोधकर्ताओं ने लगभग 50,000 मरीजों का डेटा देखा, जो अलग-अलग सल्फोनीलुरिया दवाएं ले रहे थे। उन्होंने पाया कि ग्लिपिजाइड लेने वालों में दिल की बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मौत का खतरा डाई पेप्टिडाइल पेप्टिडेज-4 (डीपीपी-4) दवाओं के मुकाबले ज्यादा था। इस शोध के नतीजे जामा नेटवर्क ओपन नाम की मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हैं।

ब्रिघम एंड विमेन्स हॉस्पिटल (बीडब्ल्यूएच) के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के लेखक अलेक्जेंडर टर्चिन ने कहा कि टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट जैसी दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का ज्यादा खतरा रहता है।

उन्होंने आगे कहा, सल्फोनीलुरिया दवाएं सस्ती और लोकप्रिय हैं, लेकिन इनके लंबे समय तक दिल पर क्या असर पड़ता है, इसकी जानकारी कम है। दूसरी ओर, डीपीपी-4 इनहिबिटर जैसी दवाएं दिल के लिए ज्यादा सुरक्षित मानी जाती हैं।

टाइप 2 डायबिटीज एक आम बीमारी है जो तेजी से बढ़ रही है। इस बीमारी से जुड़े मरीजों में दिल की गंभीर बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए इन बीमारियों से बचाव भी जरूरी होता है।

अध्ययन में 48,165 टाइप 2 डायबिटीज मरीजों को शामिल किया गया, जिनका दिल का खतरा मध्यम था और जो देश के 10 अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करा रहे थे। शोध में देखा गया कि मरीज जो मेटफॉर्मिन के साथ सल्फोनीलुरिया या डीपीपी-4 इनहिबिटर ले रहे थे, उनमें पांच साल तक दिल की बीमारियों का खतरा कैसा था।

नतीजे में पता चला कि ग्लिपिजाइड लेने वालों में दिल की बीमारी का खतरा डीपीपी-4 इनहिबिटर के मुकाबले 13 प्रतिशत ज्यादा था, जबकि ग्लिमेपिराइड और ग्लायबुराइड के प्रभाव कम स्पष्ट थे।

शोधकर्ताओं ने कहा कि इस बात की भी जांच होनी आवश्यक है कि आखिर ग्लिपिजाइड दिल पर ज्यादा बुरा असर क्यों डालती है।

--आईएएनएस

पीके/केआर

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