टाइप 1 मधुमेह के उपचार में मस्तिष्क की भूमिका पर किया गया अध्ययन

टाइप 1 मधुमेह के उपचार में मस्तिष्क की भूमिका पर किया गया अध्ययन

टाइप 1 मधुमेह के उपचार में मस्तिष्क की भूमिका पर किया गया अध्ययन

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IANS
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Study explores role of brain in treating type 1 diabetes

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। एक अध्ययन में ये पता चला है कि मस्तिष्क नए टाइप 1 मधुमेह उपचारों का लक्ष्य बन सकता है और इंसुलिन प्रबंधन का एक बेहतर तरीका तैयार कर सकता है।

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शोधकर्ताओं ने एक दशक से भी पहले पाया था कि टाइप 1 मधुमेह की एक गंभीर जटिलता- डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (डीकेए) को इंसुलिन की कमी में भी लेप्टिन हार्मोन से ठीक किया जा सकता है।

जर्नल ऑफ क्लिनिकल इन्वेस्टिगेशन में इस अध्ययन को प्रकाशित किया गया है। इसमें टीम ने बताया कि लेप्टिन मस्तिष्क को कैसे प्रभावित करता है और भविष्य में चिकित्सा में इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है।

डीकेए तब होता है जब शरीर इंसुलिन बनाने में असमर्थ होता है और एनर्जी के लिए फैट (वसा) को तोड़ना शुरू कर देता है। इससे खून में शुगर (ग्लूकोज) और कीटो एसिड का जानलेवा निर्माण हो सकता है।

अमेरिका में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया कि डॉक्टर आमतौर पर इस जटिलता को दूर करने के लिए इंसुलिन देते हैं। लेकिन अब पाया गया है कि जब इंसुलिन कम होता है, तो मस्तिष्क डीकेए को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रोफेसर डॉ. माइकल श्वार्ट्ज ने कहा, जब पैंक्रियाज (अग्न्याशय) इंसुलिन नहीं बना पाता, तो मस्तिष्क को यह संदेश मिलता है कि शरीर में ईंधन की कमी हो गई है, भले ही ऐसा न हो। यह खून में लेप्टिन हार्मोन के स्तर का कम होने का संदेश देता है।

लेप्टिन दिमाग को भूख लगने और शरीर के वजन को कंट्रोल करने में मदद करता है। लेप्टिन आपके शरीर की फैट (वसा) कोशिकाओं द्वारा निर्मित होता है। यह हार्मोन रक्तप्रवाह द्वारा मस्तिष्क में विशेष रूप से हाइपोथैलेमस नाम के क्षेत्र में पहुंचाया जाता है।

अध्ययन में कहा गया है कि लेप्टिन के साथ बल्ड ग्लूकोज को कंट्रोल करने से रोगियों के लिए उपचार के नए रास्ते खुल सकते हैं।

श्वार्ट्ज ने बताया कि इंसुलिन खरीदना मरीजों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ा बोझ है।

उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि अगर आप रोज इंसुलिन इंजेक्शन और ब्लड शुगर की निगरानी के बिना टाइप 1 मधुमेह का इलाज कर सकते हैं, तो रोगी कहेंगे कि यह अब तक की सबसे बड़ी बात है।

अगर दिमाग को यह विश्वास दिलाया जा सके कि ईंधन खत्म नहीं हुआ है, या यदि ग्लूकोज और कीटोन्स के उत्पादन को प्रेरित करने वाले विशिष्ट मस्तिष्क न्यूरॉन्स बंद हो जाएं, तो शरीर उस प्रतिक्रिया को रोक देता हैस जिससे गंभीर हाइपरग्लाइसीमिया और डीकेए होता है।

ये बताता है कि मस्तिष्क अनियंत्रित मधुमेह की उत्पत्ति में एक शक्तिशाली भूमिका निभाता है और नए उपचारों का रास्ता बन सकता है।

--आईएएनएस

जेपी/जीकेटी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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