कैंसर की दवाओं के साइड इफेक्ट्स की आखिर क्या है वजह? रिसर्च में खुलासा

कैंसर की दवाओं के साइड इफेक्ट्स की आखिर क्या है वजह? रिसर्च में खुलासा

कैंसर की दवाओं के साइड इफेक्ट्स की आखिर क्या है वजह? रिसर्च में खुलासा

author-image
IANS
New Update
Study decodes why promising cancer treatments trigger serious side effects

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)। कैंसर के इलाज में काफी तरक्की हुई है, जिससे लोगों की जिंदगी कुछ लंबी हो गई है और उम्मीद भी बढ़ी है। लेकिन इस बीमारी के इलाज के कुछ गंभीर साइड इफेक्ट्स भी सामने आए हैं, जो मरीज की जिंदगी की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के कुछ वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च की है, जो इन साइड इफेक्ट्स के पीछे की वजहों को समझने में मदद करती है।

मेलबर्न के वाल्टर एंड एलाइजा हॉल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (डब्ल्यूईएचआई) की एक टीम ने बताया कि एमसीएल-1 नाम का एक प्रोटीन कैंसर को बढ़ने से रोकने में अहम है और यह हमारे शरीर की सामान्य कोशिकाओं को भी ऊर्जा प्रदान करता है।

उन्होंने बताया कि नए इलाज में जो दवाएं दी जाती हैं, वे एमसीएल-1 प्रोटीन को रोकती हैं और शरीर के स्वस्थ अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं, खासकर दिल और जिगर को, क्योंकि ये अंग ऊर्जा के लिए इसी प्रोटीन पर निर्भर रहते हैं। इसी कारण इलाज के दौरान कुछ लोगों में गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को मिले हैं।

नई रिसर्च से यह साफ है कि जो साइड इफेक्ट्स होते हैं, वो एमसीएल-1 प्रोटीन की ऊर्जा बनाने की भूमिका से जुड़े हैं। इस जानकारी से वैज्ञानिक अब ऐसी दवाएं बनाने की कोशिश कर सकते हैं जो कैंसर पर असरदार हों, लेकिन शरीर के स्वस्थ अंगों को नुकसान न पहुंचाएं।

रिसर्च की प्रथम लेखिका डॉ. केर्स्टिन ब्रिंकमैन ने कहा कि इस रिसर्च से यह समझने में मदद मिली है कि कैसे कोशिकाओं के खत्म होने और ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया आपस में जुड़ी हुई हैं। इस पर वैज्ञानिक सालों से अटकलें लगा रहे थे।

साइंस पत्रिका में प्रकाशित यह अध्ययन सुरक्षित इलाज की ओर ध्यान आकर्षित करता है। इससे वैज्ञानिक एमसीएल-1 रोकने वाली दवाओं को अन्य दवाओं के साथ बेहतर तरीके से मिलाकर, और सही मात्रा में देकर, शरीर पर होने वाले नुकसान को कम कर सकेंगे।

डब्ल्यूईएचआई के लैब वैज्ञानिक एंड्रियास स्ट्रासर ने कहा कि अगर दवाएं सीधे कैंसर वाली जगह पहुंचें और स्वस्थ अंगों को ना छुएं, तो कैंसर का इलाज ज्यादा सुरक्षित और बेहतर हो सकेगा।

--आईएएनएस

पीके/जीकेटी

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment