प्रीमैच्योर रिडेम्पशन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि

प्रीमैच्योर रिडेम्पशन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि

प्रीमैच्योर रिडेम्पशन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि

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IANS
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Sovereign gold bonds due for premature redemption delivers up to 20 pc CAGR

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 11 अगस्त, 2025 को देय सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की दो किस्तों के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्पशन प्राइस की घोषणा की है।

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फरवरी 2020 में जारी 2019-20 सीरीज IX और अगस्त 2020 में जारी 2020-21 सीरीज V को 10,070 रुपए प्रति ग्राम की दर से समय से पहले रिडीम किया जा सकता है। एसजीबी की मैच्योरिटी अवधि आठ वर्ष है, लेकिन निवेशक पांचवें वर्ष से प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन का विकल्प चुन सकते हैं।

फरवरी 2020 के एसजीबी किस्त में निवेशकों ने 20 प्रतिशत की सीएजीआर हासिल की। अगस्त 2020 की किस्त ने निवेशकों को पांच वर्षों में 13.5 प्रतिशत सीएजीआर प्रदान किया।

ये रिटर्न अर्ध-वार्षिक रूप से दिए जाने वाले 2.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के अतिरिक्त हैं, जिससे प्रभावी प्रतिफल बढ़ता है।

इन किश्तों से प्राप्त रिटर्न पिछले पांच वर्षों के सोने के रिटर्न के बराबर हैं।

फरवरी 2020 में जब आरबीआई ने 2019-20 सीरीज IX किश्त जारी की थी, तब सोने की कीमत 4,070 रुपए प्रति ग्राम थी।

जब भारतीय रिजर्व बैंक ने अगस्त 2020 में दूसरी किश्त (2020-21 सीरीज V) जारी की तो वैश्विक अनिश्चितता और ब्याज दरों में कटौती के कारण कीमतें बढ़कर 5,334 रुपए प्रति ग्राम हो गईं।

तब से, मुद्रास्फीति की आशंकाओं, भू-राजनीतिक तनावों और केंद्रीय बैंकों की निरंतर खरीदारी ने सोने की कीमतों को ऊंचा बनाए रखा है।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि भू-राजनीतिक तनावों और अमेरिकी डॉलर के रिजर्व स्टेटस को खतरे के कारण सोने की कीमतों में और वृद्धि होगी।

एसजीबी सरकार समर्थित प्रतिभूतियां हैं, जिनका मूल्य ग्राम सोने में होता है।

यह फिजिकल गोल्ड रखने और मूल्य वृद्धि तथा अर्ध-वार्षिक रिटर्न के आधार पर रिटर्न अर्जित करने का एक डिजिटल विकल्प है।

रिडेम्पशन प्राइस की गणना रिडेम्पशन से पहले के तीन कार्यदिवसों में 999 शुद्धता वाले सोने के समापन मूल्यों के साधारण औसत के आधार पर की जाती है, जैसा कि इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित किया जाता है।

इंडिविजुअल इंवेस्टर मैच्योरिटी तक या प्रीमैच्योर रिडेम्पशन डेट तक एसजीबी होल्ड कर पूंजीगत लाभ कर से बच सकते हैं।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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