दक्षिण कोरिया : पूर्व राष्ट्रपति यून की बढ़ी मुश्किलें, सत्तारूढ़ पार्टी ने जांच के लिए विशेष अभियोजकों की सिफारिश की

दक्षिण कोरिया : पूर्व राष्ट्रपति यून की बढ़ी मुश्किलें, सत्तारूढ़ पार्टी ने जांच के लिए विशेष अभियोजकों की सिफारिश की

दक्षिण कोरिया : पूर्व राष्ट्रपति यून की बढ़ी मुश्किलें, सत्तारूढ़ पार्टी ने जांच के लिए विशेष अभियोजकों की सिफारिश की

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IANS
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South Korea: Ruling party recommends three special prosecutors to investigate ex-President Yoon, his wife

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

सियोल, 12 जून (आईएएनएस)। दक्षिण कोरिया की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी) ने पूर्व राष्ट्रपति यून और उनकी पत्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की जांच के लिए तीन विशेष अभियोजकों के नाम की सिफारिश की है। यह मामला पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल के असफल मार्शल लॉ प्रयास, उनकी पत्नी किम कीन ही के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और एक मरीन की मौत की जांच से जुड़ा है।

यह कदम तब उठाया गया है, जब राष्ट्रपति कार्यालय ने डीपी और रीबिल्डिंग कोरिया पार्टी से तीन विधेयकों के पारित होने के बाद इन जांचों के लिए नामांकन देने को कहा था।

डीपी ने यून के खिलाफ 11 आरोपों की जांच के लिए बोर्ड ऑफ ऑडिट एंड इंस्पेक्शन के पूर्व कार्यवाहक प्रमुख चो यून-सुक के नाम सिफारिश की है, जिनमें विद्रोह और सैन्य विद्रोह जैसे आरोप शामिल हैं।

सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मिन जूंग-की को यून की पत्नी किम कीन ही के खिलाफ शेयर मूल्य हेरफेर, लग्जरी बैग स्वीकार करने और चुनाव नामांकन में हस्तक्षेप के आरोपों की जांच के लिए नामित किया गया है।

साथ ही डीपी ने जुलाई 2023 में मरीन की मौत की जांच करने के लिए म्योंगजी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ली यूं-जे के नाम की सिफारिश की है। इससे पहले रीबिल्डिंग कोरिया पार्टी ने भी अपने नॉमिनी की सूची प्रस्तुत की।

राष्ट्रपति ली जे-म्युंग को सिफारिशें मिलने के तीन दिनों के भीतर विशेष अभियोजकों की नियुक्ति करनी होगी।

नियुक्त विशेष अभियोजकों को जांच की तैयारी के लिए 20 दिन तक का समय मिलेगा और अगले महीने की शुरुआत में पूर्ण पैमाने पर जांच शुरू होने की उम्मीद है।

इससे पहले, 11 जून को पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल ने पुलिस को एक पत्र सौंपा था, जिसमें उन्होंने मार्शल लॉ से संबंधित आरोपों के लिए इस सप्ताह होने वाली पूछताछ में शामिल न होने के बारे में बताया था।

अपने वकील यून गैप-ग्यून द्वारा सौंपे गए दस्तावेज में यून ने दावा किया कि गुरुवार को पूछताछ के लिए जारी समन का कोई कानूनी आधार नहीं है, क्योंकि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप तथ्यात्मक रूप से सही नहीं हैं। यून पर जनवरी की शुरुआत में उनके खिलाफ जारी हिरासत वारंट को रोकने के लिए प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस (पीएसएस) को आदेश देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

--आईएएनएस

एफएम/एबीएम

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