दक्षिण कोरिया : पद से हटाए जाने के एक सप्ताह बाद पूर्व राष्ट्रपति यून ने छोड़ा आधिकारिक आवास

दक्षिण कोरिया : पद से हटाए जाने के एक सप्ताह बाद पूर्व राष्ट्रपति यून ने छोड़ा आधिकारिक आवास

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IANS
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South Korea: Ex-president Yoon moves to private home 1 week after ouster (Ld)

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

सोल, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल शुक्रवार को अपने आधिकारिक आवास से निजी घर में चले गए। दिसंबर में अल्पकालिक मार्शल लॉ की घोषणा के कारण उन्हें एक सप्ताह पहले पद से हटा दिया गया था।

यून ने एक लिखित संदेश में कहा, आज मैं सरकारी आवास छोड़ रहा हूं। मैं हर चीज के लिए सचमुच आभारी हूं।

पूर्व राष्ट्रपति ने अपने निवास पर विश्व नेताओं के साथ बैठकों को याद किया और उन समर्थकों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनके समर्थन में रैलियां निकाली।

यून ने कहा, अब मैं एक सामान्य नागरिक के रूप में अपने देश और लोगों की सेवा के लिए एक नया रास्ता तलाशूंगा।

सोल के मध्य में स्थित आवास के मुख्य द्वार से गुजरते समय यून ने अपनी मुट्ठी हवा में उठाई, जहां उन्हें विदा करने के लिए समर्थकों की भीड़ जमा थी। उन्होंने समर्थकों से हाथ मिलाया और गले मिले। समर्थक उनके नाम के नारे लग रहे थे, कुछ की आंखों से आंसू भी छलक आए।

इसके बाद वे राजधानी के दक्षिणी इलाके में स्थित एक्रोविस्टा अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स के लिए रवाना हुए और 21 मिनट में वहां पहुंच गए। उनके साथ उनकी पत्नी और उनके 10 से ज्यादा कुत्ते और बिल्लियां थे।

यून के समर्थक और विरोधी दोनों ही मध्य सियोल के योंगसान स्थित आधिकारिक आवास और अपार्टमेंट परिसर के पास रैलियां करने के लिए इक्ट्ठा हुए। उनके विरोधियों ने विद्रोह के आरोप में यून की गिरफ्तारी की मांग की, जबकि समर्थक यून फिर से जैसे संदेशों वाली तख्तियां लिए हुए थे।

महाभियोग के अलावा, यून को अभी भी अपने मार्शल लॉ के आदेश से संबंधित विद्रोह के आरोपों पर आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है।

राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।

मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा लेकिन इसने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया। नेशनल असेंबली ने राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया।

यून के महाभियोग का मामला संवैधानिक न्यायालय में गया। न्यायालय ने महाभियोग को जारी रखा जिसके बाद यून को पद छोड़ना पड़ा।

--आईएएनएस

एमके/

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