जल्द ही एक साधारण माउथ स्वैब से टीबी की जांच होगी संभव: अध्ययन

जल्द ही एक साधारण माउथ स्वैब से टीबी की जांच होगी संभव: अध्ययन

जल्द ही एक साधारण माउथ स्वैब से टीबी की जांच होगी संभव: अध्ययन

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IANS
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March 2017,World TB Day,Chennai

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। एक अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में प्रयुक्त थूक परीक्षण के स्थान पर, शीघ्र ही साधारण टंग स्वैब से तपेदिक की जांच संभव हो सकेगी।

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अमेरिका के टुलेन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्नत सीआरआईएसपीआर-आधारित तकनीक का उपयोग करके दुनिया की सबसे घातक संक्रामक बीमारी की कम्युनिटी-बेस्ड स्क्रीनिंग को आसान बनाया जा सकता है।

टुलेन के स्कूल ऑफ मेडिसिन में सहायक प्रोफेसर और प्रमुख लेखक जेन हुआंग ने कहा कि एक व्यावहारिक ट्यूबरकुलोसिस टंग स्वैब टेस्ट से कम संसाधन वाले समुदायों को फायदा पहुंच सकता है।

हुआंग ने कहा, टंग (जीभ) स्वैब दर्द रहित होते हैं, इन्हें एकत्र करना आसान होता है, और इसके लिए प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं होती है। इससे बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग का रास्ता खुल जाता है।

वर्तमान में टीबी परीक्षण थूक पर निर्भर है, जो फेफड़ों और निचले श्वसन तंत्र से एकत्र किया गया बलगम होता है।

लगभग 25 प्रतिशत लक्षण वाले मामलों और लगभग 90 प्रतिशत लक्षण रहित मामलों में थूक एकत्र करना न केवल कठिन है, बल्कि अव्यावहारिक भी है—इसकी वजह से अनुमानतः 40 लाख तपेदिक के मामले हर साल डाइग्नोस नहीं हो पाते।

नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन ने पहले के सीआरआईएसपीआर-आधारित परीक्षण के गैप को कम करने का प्रयास किया।

एक्टसीआरआईएसपीआर-टीबी नामक नई आरआईएसपीआर विधि ने टीबी बैक्टीरिया के डीएनए से आनुवंशिक संकेतों को समझने में मदद की। इसने एक सुव्यवस्थित दृष्टिकोण प्रदान किया जिससे एक घंटे से भी कम समय में निदान किया जा सकता है।

क्लिनिकल टेस्टिंग से पता चला कि ट्रेडिशनल टेस्टिंग की तुलना में टंग स्वैब से टीबी का पता लगाना आसान है। पहले जहां इसकी दर 56 प्रतिशत थी, वहीं अब 74 प्रतिशत हो गई है।

इस परीक्षण ने श्वसन (93 प्रतिशत), पीडियाट्रिक स्टूल (83 प्रतिशत), और वयस्क रीढ़ की हड्डी के तरल पदार्थ के नमूनों (93 प्रतिशत) से टीबी का पता लगाने में बड़ी सफलता अर्जित की है।

--आईएएनएस

केआर/

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