उच्च रिटर्न और नियामक सुधारों के कारण स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड में बढ़ा निवेश : रिपोर्ट

उच्च रिटर्न और नियामक सुधारों के कारण स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड में बढ़ा निवेश : रिपोर्ट

उच्च रिटर्न और नियामक सुधारों के कारण स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड में बढ़ा निवेश : रिपोर्ट

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IANS
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Small-cap, mid-cap funds lead inflows due to structural tailwinds, regulatory reforms: Reports

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस) । उच्च रिटर्न, स्ट्रक्चरल सपोर्ट और रेगुलेटरी सुधारों की वजह से रिटेल निवेशक भारत के स्मॉल-कैप और मिड-कैप म्यूचुअल फंड में लगातार निवेश कर रहे हैं। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई है।

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आईसीआरए एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में मिड-कैप स्कीम में 5,331 करोड़ रुपए का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया, जो सालाना आधार पर 74.5 प्रतिशत की वृद्धि है, जबकि स्मॉल-कैप फंड में 4,993 करोड़ रुपए का इनफ्लो हुआ, जो सालाना आधार पर 55.6 प्रतिशत की वृद्धि है। वहीं, लार्ज-कैप फंड में केवल 2,835 करोड़ रुपए का नेट इनफ्लो हुआ, जो 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

इस वित्त वर्ष की शुरुआत से मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड कैटेगरी में नेट इनफ्लो क्रमशः 55.01 प्रतिशत और 22.01 प्रतिशत बढ़ा है।

अगस्त 2025 में मिड-कैप फंड का नेट एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) सालाना आधार पर 10.9 प्रतिशत बढ़कर 4.27 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि स्मॉल-कैप फंड का नेट एयूएम सालाना आधार पर 9.56 प्रतिशत बढ़कर 3.51 लाख करोड़ रुपए हो गया। लार्ज-कैप फंड का नेट एयूएम सालाना आधार पर 5.86 प्रतिशत बढ़कर 3.90 लाख करोड़ रुपए हो गया।

आईसीआरए एनालिटिक्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और मार्केट डेटा हेड अश्विनी कुमार ने कहा, लार्ज-कैप कंपनियां पहले से ही अनुभवी और स्थापित हैं। उनकी ग्रोथ अक्सर मामूली होती है और यह मैक्रोइकोनॉमिक साइकल से जुड़ी होती है। इसके विपरीत, स्मॉल और मिड-कैप कंपनियों के पास विस्तार, इनोवेट और मार्केट शेयर बढ़ाने के लिए अधिक अवसर होते हैं, जिससे कमाई में अधिक वृद्धि होती है।

उन्होंने आगे कहा कि लार्ज-कैप कंपनियां अपनी स्थिरता के कारण अक्सर अधिक मूल्यांकन पर कारोबार करती हैं, जिससे उनका संभावित लाभ सीमित हो सकता है। हालांकि, स्मॉल और मिड-कैप कंपनियां अक्सर कम मूल्यांकन पर होती हैं, जिससे उन्हें बेहतर प्राइस-टू-अर्निंग रेश्यो और एसेट पर रिटर्न मिलता है।

कुमार ने कहा कि एमएसएमई को समर्थन देने वाली सरकार की हाल की पहल, बेहतर कॉर्पोरेट खुलासे और स्ट्रेस टेस्टिंग ने स्मॉल और मिड-कैप कंपनियों को आगे बढ़ने के लिए एक अनुकूल माहौल बनाया है।

31 अगस्त, 2025 तक लार्ज-कैप फंड का एक वर्ष का रिटर्न -3.8 प्रतिशत, मिड-कैप फंड का -3.9 प्रतिशत और स्मॉल-कैप फंड का -6.4 प्रतिशत रहा।

तीन वर्ष का रिटर्न क्रमशः लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड के लिए 13.5 प्रतिशत, 19.6 प्रतिशत और 19.3 प्रतिशत था।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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