बलूचिस्तान में पाकिस्तान के अत्याचारों को उजागर करे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री: बलूच नेता की अपील

बलूचिस्तान में पाकिस्तान के अत्याचारों को उजागर करे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री: बलूच नेता की अपील

बलूचिस्तान में पाकिस्तान के अत्याचारों को उजागर करे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री: बलूच नेता की अपील

author-image
IANS
New Update
Showcase Pakistan's atrocities in Balochistan: Baloch leader's appeal to Indian film industry

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

वॉशिंगटन, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। बलूच अमेरिकन कांग्रेस के अध्यक्ष तारा चंद ने बॉलीवुड कलाकारों और भारतीय फिल्म उद्योग से अपील की है कि वे बलूचिस्तान पर पाकिस्तान के कथित “जबरन कब्जे” और वहां हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों को उजागर करने के लिए एक प्रभावशाली फिल्म बनाएं।

Advertisment

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए तारा चंद ने कहा कि ऐसी फिल्म के जरिए यह सच्चाई सामने लाई जानी चाहिए कि बलूचिस्तान स्वतंत्र था और मार्च 1948 में उसे जबरन और अलोकतांत्रिक तरीके से पाकिस्तान में मिला लिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कब्जे के बाद से ही पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान और उसके विभिन्न क्षेत्रों पर नियंत्रण कर रखा है।

बलूच नेता ने आरोप लगाया कि दशकों से पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों की भारी लूट की है। उनके अनुसार प्राकृतिक गैस, खनिज, सोना, चांदी, कोयला, तटीय क्षेत्र और समुद्री संसाधनों से अरबों डॉलर कमाए गए, लेकिन बलूच जनता आज भी वंचित और उत्पीड़ित है।

तारा चंद ने कहा कि बलूच लोगों ने इस “जबरन कब्जे” के खिलाफ शुरू से ही विरोध किया। उन्होंने बताया कि बलूच समुदाय ने कई बार पाकिस्तानी शासन के खिलाफ विद्रोह किया है, जिनमें सबसे बड़ा आंदोलन वर्ष 2000 के आसपास शुरू हुआ, जो आज भी जारी है। इस संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी सेना पर बड़ी संख्या में बलूच लोगों की हत्या और गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोप लगाए गए हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान में बड़े पैमाने पर जबरन गायब किए जाने की घटनाओं में शामिल है। राजनीतिक कार्यकर्ता, वकील, शिक्षक, डॉक्टर, छात्र, शिक्षित युवा और महिलाएं तक इसका शिकार हो रही हैं। तारा चंद के अनुसार हजारों बलूच पुरुष और महिलाएं बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के सैन्य जेलों में बंद हैं।

बलूच नेता ने कहा कि दमन के बावजूद बलूचिस्तान के लोग आज भी अपनी आज़ादी और मातृभूमि के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आज भी निर्दोष बलूच नागरिकों का अपहरण किया जा रहा है और उन्हें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद स्वतंत्रता की लड़ाई जारी है।

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर भी तारा चंद ने बलूचिस्तान में पाकिस्तान की “कट्टर इस्लामी सेना” द्वारा किए जा रहे कथित अत्याचारों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने दावा किया कि बलूच यकजहती कमेटी (बीवाईसी) की नेता महरंग बलूच और संगठन के अन्य नेताओं को बिना किसी आरोप के महीनों से जेल में रखा गया है। इसके अलावा नसीन बलूच, महजीन बलूच, फौजिया बलूच सहित हजारों बलूच छात्र, शिक्षक, प्रोफेसर, डॉक्टर और राजनीतिक कार्यकर्ता कथित तौर पर जबरन उठा लिए गए हैं और उन्हें गुप्त यातना शिविरों में रखा गया है।

--आईएएनएस

डीएससी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment