डेब्यू से पहले पापा को दिखाती थी प्रैक्टिस वीडियो, मिलती थी सलाह : शनाया कपूर

डेब्यू से पहले पापा को दिखाती थी प्रैक्टिस वीडियो, मिलती थी सलाह : शनाया कपूर

डेब्यू से पहले पापा को दिखाती थी प्रैक्टिस वीडियो, मिलती थी सलाह : शनाया कपूर

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IANS
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Shanaya Kapoor reveals how her parents played honest critics ahead of her big-screen debut

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 14 जुलाई (आईएएनएस)। आंखों की गुस्ताखियां से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस शनाया कपूर ने बताया कि उनके माता-पिता संजय कपूर और महीप कपूर उनके सबसे सच्चे सलाहकार हैं।

आईएएनएस से खास इंटरव्यू में जब शनाया कपूर से पूछा गया कि उनके माता-पिता ने उनके डेब्यू पर क्या प्रतिक्रिया दी, तो उन्होंने बताया कि उनके पापा संजय कपूर हमेशा से उन्हें सही राय देने वाले इंसान हैं। जब वह अपनी फिल्म की तैयारी कर रही थीं, तो वह अपने प्रैक्टिस वीडियो पापा को दिखाती थीं। वीडियो देखने के बाद उन्होंने हर बार सीधी और साफ बात कही, जो चीज अच्छी लगी, उसकी तारीफ की, और जो सुधारने लायक थी, वो भी साफ-साफ बता दी।

शनाया कपूर ने कहा, मेरे पापा मेरे सबसे सच्चे सलाहकार हैं। जब भी मैं अपनी एक्टिंग की तैयारी कर रही होती थी या कोई प्रैक्टिस वीडियो पापा को दिखाती, तो वह सीधी और सच्ची राय देते थे। कहां सुधार की जरूरत है और कौन-सी चीजें मैं और अच्छे से कर सकती हूं, वह सबकुछ बताते थे। मेरी मम्मी भी बिल्कुल साफ-साफ बात करती हैं। मेरे माता-पिता हमेशा ईमानदारी से फीडबैक देते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि फिल्म इंडस्ट्री बहुत सख्त है, यहां किसी को आसानी से जगह नहीं मिलती, इसके लिए मेहनत करनी पड़ती है।

उन्होंने कहा, ये मौका जिंदगी में एक बार ही मिलता है और मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मुझे यह मिला है। अब जब मुझे यह मौका मिला है, तो मैं चाहती हूं कि इसका पूरा फायदा उठाऊं। मुझे इस इंडस्ट्री में अपनी जगह खुद बनानी होगी और लोगों का प्यार और अपनापन भी खुद कमाना होगा। मेरे माता-पिता यह बात समझते हैं कि इसमें समय और बहुत मेहनत लगती है, इसलिए वे हमेशा मेरे और मेरे काम के प्रति ईमानदार रहते हैं। वे कभी-कभी कड़ी और सख्त बातें भी बोलते हैं, जो सुनना आसान नहीं होता।

शनाया कपूर ने एक्टर होने की जिम्मेदारी के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, एक एक्टर होने के नाते, आपकी जिम्मेदारी दर्शकों के प्रति होती है और जब आप कैमरे के सामने होते हैं, तो आपको ईमानदारी से अपना बेस्ट देना होता है। ऐसा कुछ पाना आशीर्वाद की तरह होता है, क्योंकि जो काम आप कैमरे के सामने करते हैं, वह हमेशा के लिए रिकॉर्ड होता है। कई बार जब कोई सीन खत्म होता है, तो यह सोचकर अजीब और बहुत खास महसूस होता है कि जो मैंने अभी किया, वह हमेशा के लिए कैमरे में कैद हो गया है।

उन्होंने आगे कहा कि इसी वजह से उनके माता-पिता हमेशा उनके साथ ईमानदार रहे हैं। एक्ट्रेस ने कहा, मैं उनके इस ईमानदार रवैये के लिए दिल से शुक्रगुजार हूं।

--आईएएनएस

पीके/एबीएम

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