काबुल में भीषण जल संकट, लोगों ने अंतरिम सरकार से आपूर्ति बढ़ाने की लगाई गुहार

काबुल में भीषण जल संकट, लोगों ने अंतरिम सरकार से आपूर्ति बढ़ाने की लगाई गुहार

काबुल में भीषण जल संकट, लोगों ने अंतरिम सरकार से आपूर्ति बढ़ाने की लगाई गुहार

author-image
IANS
New Update
Severe water crisis grips Kabul, residents urge interim govt to expand supply

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

काबुल, 19 जुलाई (आईएएनएस)। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल इन दिनों गंभीर जल संकट का सामना कर रही है, जिससे शहर के लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शहर के मध्य और पश्चिमी हिस्सों में जल स्तर में तेज गिरावट दर्ज की गई है।

Advertisment

एक स्थानीय निवासी मोहम्मद आघा ने कहा, हर चीज पानी पर निर्भर है। इसके बिना जीवन बेहद कठिन हो जाता है। अगर पानी मिलना बंद हो जाए, तो लोग भूख और प्यास से मर जाएंगे। एक अन्य निवासी ने बताया, बच्चे और महिलाएं दिन-रात बाल्टी लेकर भटकते हैं, लेकिन कहीं पानी नहीं मिलता।

लोगों ने तालिबान के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से अपील की है कि वह जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे का विस्तार करे और गहरे कुएं खुदवाने की दिशा में ठोस कदम उठाए।

संयुक्त राष्ट्र मानव बस्तियों कार्यक्रम (यूएन-हैबिटेट) ने गुरुवार को इस जल संकट को अभूतपूर्व करार दिया था। एजेंसी ने कहा कि जल स्तर में तेज गिरावट से करीब 60 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जो जल संकट के जोखिम में हैं।

यूएन एजेंसी ने एक्स पर पोस्ट किया, इस संकट से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश, मजबूत सहयोग और जल प्रबंधन पर सार्वजनिक जागरूकता जरूरी है। पानी ही जीवन है, हमें अभी कार्रवाई करनी होगी।

हाल ही में एनजीओ मर्सी कॉर्प्स की एक रिपोर्ट में बताया गया कि काबुल के कई परिवार अपनी आय का लगभग 30 प्रतिशत पानी पर खर्च कर रहे हैं और दो-तिहाई से अधिक परिवार जल संबंधी कर्ज में डूबे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया, भूजल का दोहन इसकी प्राकृतिक पुनर्भरण क्षमता से कहीं अधिक है और शहर के लगभग आधे बोरवेल पहले ही सूख चुके हैं। यदि जल्द और समन्वित निवेश नहीं हुआ, तो काबुल आधुनिक युग का पहला ऐसा राजधानी शहर बन सकता है, जो पूरी तरह सूख जाए।

रिपोर्ट के मुताबिक, 80 प्रतिशत तक भूजल असुरक्षित है, जिसमें सीवेज, आर्सेनिक और लवणता की अधिक मात्रा है, जो जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।

इससे पहले मार्च में भी यूएन-हैबिटेट ने चेतावनी दी थी कि देश में करीब 2.1 करोड़ लोगों को जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है।

यूएन-हैबिटेट की अफगानिस्तान प्रमुख स्टेफनी लूज ने कहा, कंधार, काबुल और हेरात जैसे प्रमुख शहर जल संकट का सामना कर रहे हैं, क्योंकि इनका भूजल लगातार घट रहा है। यह स्पष्ट है कि अफगानिस्तान को जल अवसंरचना में बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत है।

--आईएएनएस

डीएससी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment