एआईएडीएमके में 'अफरा-तफरी' का माहौल, वरिष्ठ अन्नाद्रमुक नेता सेनगोट्टैयन ने किया रुख स्पष्ट

एआईएडीएमके में 'अफरा-तफरी' का माहौल, वरिष्ठ अन्नाद्रमुक नेता सेनगोट्टैयन ने किया रुख स्पष्ट

एआईएडीएमके में 'अफरा-तफरी' का माहौल, वरिष्ठ अन्नाद्रमुक नेता सेनगोट्टैयन ने किया रुख स्पष्ट

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IANS
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Senior AIADMK leader Sengottaiyan to reveal stand amid 'rumblings' in party

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

चेन्नई, 2 सितंबर (आईएएनएस)। एआईएडीएमके के भीतर बेचैनी की नई अटकलों के बीच, वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री के. ए. सेंगोट्टैयन ने मंगलवार को घोषणा की कि वह शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से अपने विचार व्यक्त करेंगे।

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इरोड में अपने समर्थकों के साथ एक बैठक से बाहर आते हुए, सेंगोट्टैयन ने पत्रकारों से कहा कि वह 5 सितंबर को गोबिचेट्टीपलायम स्थित अन्नाद्रमुक कार्यालय में अपनी बात कहेंगे।

जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या पार्टी नेतृत्व के प्रति उनका असंतोष फिर से उभर आया है? तो गोबिचेट्टीपलायम विधायक ने बात टालते हुए कह, तब तक, हर कोई मेरे विचार जान सकता है।

यह घोषणा पार्टी के भीतर हाल के तनाव की पृष्ठभूमि में की गई है।

सेंगोट्टैयन ने पिछले महीने अन्नाद्रमुक के संस्थापक नेताओं के प्रति अपने अपमान को लेकर खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।

अथिकादावु-अविनाशी योजना के कार्यान्वयन के लिए पार्टी महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी को सम्मानित करने के लिए कोयंबटूर में आयोजित एक कार्यक्रम में, कथित तौर पर निमंत्रण और बैनरों से पूर्व मुख्यमंत्रियों एम.जी. रामचंद्रन और जे. जयललिता की तस्वीरें गायब थीं।

पार्टी की मूल विरासत के प्रति वफादार सेनगोट्टैयन ने इसे अन्नाद्रमुक की वैचारिक जड़ों की प्रतीकात्मक अवहेलना माना था।

विरोध स्वरूप, उन्होंने समारोह में भाग ही नहीं लिया, जिससे बढ़ती दरार की अटकलें और तेज हो गईं। हालांकि बाद में सेनगोट्टैयन ने अपना रुख नरम कर लिया और पलानीस्वामी की प्रशंसा की, और उन्हें तमिलनाडु में एमजीआर और जयललिता द्वारा स्थापित मानकों के अनुरूप शासन देने का श्रेय दिया। उनके इस कदम ने पर्यवेक्षकों को चौंका दिया था।

मंगलवार की टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि यह मुद्दा अभी पूरी तरह से सुलझा नहीं है और सेनगोट्टैयन 5 सितंबर की बैठक का इस्तेमाल पार्टी के भीतर और नेतृत्व के प्रति अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कर सकते हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस बयान का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि सेनगोट्टैयन का पश्चिमी तमिलनाडु और कार्यकर्ताओं के कुछ वर्गों पर प्रभाव बना हुआ है।

महासचिव का पदभार संभालने के बाद से अपने नेतृत्व को मजबूत करने वाले पलानीस्वामी के लिए, सेंगोट्टैयन जैसे अनुभवी नेता से मतभेद की संभावना आंतरिक एकता की परीक्षा साबित हो सकती है, खासकर तब जब अन्नाद्रमुक 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए अपनी संगठनात्मक मशीनरी तैयार कर रही है।

--आईएएनएस

केआर/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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