सेमीकॉन इंडिया: डीप टेक अलायंस के तहत 12 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर, 1 बिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता

सेमीकॉन इंडिया: डीप टेक अलायंस के तहत 12 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर, 1 बिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता

सेमीकॉन इंडिया: डीप टेक अलायंस के तहत 12 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर, 1 बिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता

author-image
IANS
New Update
Semicon India: 12 MoUs signed, $1 billion committed as part of Deep Tech Alliance

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस)। भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया, जब केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश की पहली मेड-इन-इंडिया चिप प्रधानमंत्री पीएम मोदी को भेंट की। सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन में कुल 12 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए।

Advertisment

ये समझौते कैमरा मॉड्यूल, माइक्रोफोन बड्स, मिनिएचर पैकेजिंग, और प्रतिभा विकास इकोसिस्टम जैसे क्षेत्रों में स्वदेशी तकनीकों के विकास पर केंद्रित हैं।

सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डीप टेक अलायंस के गठन की भी घोषणा की, जिसमें 1 बिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता पहले ही मिल चुकी है।

शुरुआत में यह अलायंस सेमीकंडक्टर्स पर केंद्रित रहेगा, लेकिन आगे चलकर यह क्लीन एनर्जी, बायोटेक्नोलॉजी, क्वांटम टेक्नोलॉजी, और स्पेस जैसे अग्रणी क्षेत्रों में विस्तार करेगा।

वैष्णव ने बताया कि सेमीकंडक्टर निर्माण में भारत की लागत वैश्विक मानकों की तुलना में 15 से 30 प्रतिशत अधिक प्रतिस्पर्धी है। भारत ने कभी भी परियोजनाओं को जल्दबाजी में स्वीकृति नहीं दी, बल्कि हर परियोजना को व्यावसायिक मूल्यांकन के बाद ही मंजूरी दी गई, जिससे स्थायी विकास सुनिश्चित हो सके।

वर्तमान में भारत में दो सेमीकंडक्टर फैब्स (चिप निर्माण इकाइयां) चालू हैं और कई और पाइपलाइन में हैं, जिससे भारत इस क्षेत्र में स्थिर गति से आगे बढ़ रहा है।

इस आयोजन में एक अनोखी पहल के तहत 20 चिप्स, जो भारतीय छात्रों द्वारा सेमीकंडक्टर लैब में डिजाइन और तैयार की गई थीं, प्रधानमंत्री को प्रस्तुत की गईं।

मंत्री ने बताया कि देश की 78 यूनिवर्सिटी अब एडवांस्ड टूल्स का उपयोग कर रही हैं, जिससे भारत का सेमीकंडक्टर टैलेंट पूल अब वैश्विक सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा बन चुका है।

भारत में 28 से अधिक स्टार्टअप्स प्रोजेक्ट से प्रोडक्ट की ओर बढ़ चुके हैं। हालिया समझौते पूरे आईओटी चिपसेट और कैमरा सिस्टम पर केंद्रित हैं। आईआईटी मद्रास जैसे संस्थानों ने स्वदेशी माइक्रोकंट्रोलर और प्रोसेसर जारी किए हैं। डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव योजना के अंतर्गत कई बहुमूल्य आईपी विकसित हुए हैं और 25 प्राथमिक उत्पादों की पहचान की गई है।

भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत अब प्रतिभा, भरोसे और तकनीक के दम पर वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनने की ओर तेजी से अग्रसर है।

यह चिप एक पायलट लाइन से तैयार की गई है, जो भारत के सेमीकंडक्टर मिशन की तेज प्रगति को दर्शाती है।

--आईएएनएस

वीकेयू/डीएससी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment