सेबी ने नए प्रस्ताव में एल्गोरिथम ट्रेडिंग की परिभाषा तय की, ब्रोकर्स के लिए नियमों में भी किया बदलाव

सेबी ने नए प्रस्ताव में एल्गोरिथम ट्रेडिंग की परिभाषा तय की, ब्रोकर्स के लिए नियमों में भी किया बदलाव

सेबी ने नए प्रस्ताव में एल्गोरिथम ट्रेडिंग की परिभाषा तय की, ब्रोकर्स के लिए नियमों में भी किया बदलाव

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IANS
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SEBI proposes definition for algorithmic trading, changes to broker rules

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को कई नए बदलाव प्रस्तावित किए, जिसमें एल्गोरिथम ट्रेडिंग की परिभाषा तय करने का प्रस्ताव भी शामिल है।

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बाजार नियामक ने कहा कि उसने पहले भी सर्कुलर्स के माध्यम से एल्गोरिथम ट्रेडिंग को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं। हालांकि, इसे लेकर कोई निश्चित परिभाषा नहीं थी।

सेबी ने अब एल्गोरिथम ट्रेडिंग को ऑटोमेटेड एग्जीक्यूशन लॉजिक का उपयोग करके उत्पन्न या रखे गए किसी भी ऑर्डर के रूप में परिभाषित करने का सुझाव दिया है।

यह प्रस्ताव एक कार्य समूह द्वारा तैयार किया गया है जिसमें स्टॉक एक्सचेंजों, ब्रोकरों, कानूनी विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और निवेशक संघों के प्रतिनिधि शामिल थे।

इस समीक्षा का उद्देश्य नियामक भाषा को सरल बनाना, विसंगतियों को दूर करना, पुराने प्रावधानों को हटाना और बाजार प्रथाओं में बदलावों को शामिल करना था।

इन सिफारिशों पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए जारी किए जाने से पहले सेबी की मध्यस्थ सलाहकार समिति द्वारा चर्चा की गई थी।

नियामक ने प्रोफेशनल क्लियरिंग मेंबर (पीसीएम) की परिभाषा में भी बदलाव का सुझाव दिया है।

वर्तमान में, पीसीएम को उस एक्सचेंज में ट्रेडिंग राइट्स रखने की अनुमति नहीं है जहां वे पंजीकृत हैं, लेकिन इस शब्द के अर्थ को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति है।

सेबी ने कहा कि हम स्पष्ट करना चाहता है कि हालांकि पीसीएम उस एक्सचेंज में ट्रेडिंग राइट्स में शामिल नहीं हो सकते हैं, फिर भी निवेशक के रूप में उनके पास ट्रेडिंग राइट्स हो सकते हैं।

बाजार नियामक ने कहा, वर्तमान में, मौजूदा विनियमन 2(1)(एई) के अनुसार, क्लियरिंग मेंबर शब्द का अर्थ किसी मान्यता प्राप्त क्लियरिंग कॉर्पोरेशन में क्लियरिंग और निपटान अधिकार रखने वाला व्यक्ति है और इसमें कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज पर क्लियरिंग और निपटान अधिकार रखने वाला कोई भी व्यक्ति शामिल होगा।

उन्होंने कहा, “बशर्ते कि कमोडिटी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में ऐसे क्लियरिंग सदस्य को बोर्ड द्वारा निर्दिष्ट तिथि से किसी मान्यता प्राप्त क्लियरिंग कॉर्पोरेशन का सदस्य बनना आवश्यक होगा।”

नियामक ने इन प्रस्तावों पर 3 सितंबर तक जनता की टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।

--आईएएनएस

एबीएस/

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