वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक्स का क्रेडिट ऑफटेक सालाना आधार पर 9.9 प्रतिशत बढ़ा

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक्स का क्रेडिट ऑफटेक सालाना आधार पर 9.9 प्रतिशत बढ़ा

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक्स का क्रेडिट ऑफटेक सालाना आधार पर 9.9 प्रतिशत बढ़ा

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IANS
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Scheduled Commercial Banks' credit offtake rises 9.9 pc in Q1 FY26, PSBs lead momentum

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक्स (एससीबी) का क्रेडिट ऑफटेक सालाना आधार पर 9.9 प्रतिशत बढ़ा। यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

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केयर एज रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि यह वृद्धि मुख्य रूप से हाउसिंग, गोल्ड लोन और व्हीकल फाइनेंस सेगमेंट में वृद्धि के कारण हुई।

इसके अतिरिक्त, एमएसएमई सेगमेंट में ऋण विस्तार से भी इस गति को बल मिला, जो वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 19.3 प्रतिशत की दर से बढ़ा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछली तीन तिमाहियों से पीएसबी का क्रेडिट ऑफटेक निजी क्षेत्र के बैंकों से आगे बढ़ रहा है, क्योंकि क्रेडिट टू डिपॉजिट (सीडी) रेश्यो के साथ पीएसबी के पास निजी क्षेत्र के बैंकों की तुलना में ऋण देने की अधिक गुंजाइश थी।

पूर्वोत्तर क्षेत्र ने 13.7 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ अन्य क्षेत्रों से बेहतर प्रदर्शन किया। इस बीच, ग्रामीण क्षेत्र में सभी क्षेत्रों में सबसे तेज वृद्धि 12.8 प्रतिशत रही।

इस बीच, जून में, 7-8 प्रतिशत ब्याज दर वाले वर्ग में बकाया ऋण एक वर्ष पहले के इसी महीने के 20 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 33.1 लाख करोड़ रुपए हो गया।

6 प्रतिशत से कम लो रेट ब्रैकेट 5.3 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 18.3 लाख करोड़ रुपए हो गए, जबकि 11 प्रतिशत से अधिक का हाई-यील्ड सेगमेंट 30.3 लाख करोड़ रुपए से घटकर 27 लाख करोड़ रुपए रह गया, जो दर्शाता है कि बैंक हाई-इंटरेस्ट लेंडिंग में अपनी हिस्सेदारी कम करते हुए मिड-यील्ड लोन को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, निजी बैंकों द्वारा मजबूत मोबिलाइजेशन प्रयासों और चुनिंदा उत्पादों पर प्रतिस्पर्धी जमा दरों के कारण जमा राशि में ऋण की तुलना में तेज वृद्धि देखी गई, जो सालाना आधार पर 10.9 प्रतिशत रही।

कुल मिलाकर, जून 2025 से जमा राशि में 22.6 लाख करोड़ रुपए की बढ़त दर्ज की गई।

जून 2025 के अंत तक क्रेडिट टू डिपॉजिट (सीडी) रेश्यो में 78 आधार अंकों की गिरावट आई और यह एक वर्ष पहले के 80.4 प्रतिशत की तुलना में 79.6 प्रतिशत पर पहुंच गया, जिसमें जमा वृद्धि दर क्रेडिट ऑफटेक से आगे निकल गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि आरबीआई के ब्याज दरों में कटौती के बाद बेहतर तरलता की स्थिति के कारण पिछले वर्ष की तुलना में दोनों के बीच का अंतर कम हुआ है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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