समर्थ योजना की मदद से अब तक 3.20 लाख लाभार्थियों को मिला रोजगार

समर्थ योजना की मदद से अब तक 3.20 लाख लाभार्थियों को मिला रोजगार

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IANS
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Samarth scheme: 3.20 lakh beneficiaries receive placements to date

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। कपड़ा मंत्रालय के अनुसार समर्थ योजना के तहत अब तक 4.32 लाख लाभार्थियों को ट्रेनिंग दी गई है और 3.20 लाख लोगों को रोजगार मिला है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी 88 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है।

कपड़ा उत्पादन, शिल्प कौशल और इनोवेशन में महिलाओं को सशक्त बनाकर, यह योजना लैंगिक-समावेशी विकास (जेंडर-इंक्लूसिव डेवलपमेंट) को बढ़ावा दे रही है।

इस योजना का लाभ भारत भर में लिया जा रहा है, जिससे जम्मू-कश्मीर से लेकर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तक कौशल विकास सुलभ हो गया है।

सरकार का ध्यान कपड़ा निर्माण बढ़ाने, इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण, कुशल लोगों के माध्यम से इनोवेशन को बढ़ावा देने और टेक्नोलॉजी को एडवांस करने पर है, जिससे वैश्विक कपड़ा केंद्र के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी।

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने समर्थ योजना के तहत उद्योग भागीदारों और लाभार्थियों के साथ बातचीत की और समर्थ योजना के तहत हथकरघा, हस्तशिल्प, जूट और रेशम सहित विभिन्न क्षेत्रों के लाभार्थियों से मुलाकात की।

लाभार्थियों ने उन्हें दिए गए लाभों पर अपने अनुभव साझा किए और बताया कि उनकी आजीविका मजबूत हो रही है।

बातचीत के दौरान, लाभार्थियों और उद्योग भागीदारों ने केंद्रीय मंत्री को योजना के प्रभाव और सफलता की कहानियां साझा कीं।

केंद्रीय मंत्री ने भारत में कपड़ा क्षेत्र के महत्व को सबसे बड़े रोजगार सृजन क्षेत्रों में से एक के रूप में उजागर किया और समर्थ योजना सहित कपड़ा मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें प्रदान किए गए लाभों पर प्रकाश डाला।

बातचीत के दौरान, उद्योग प्रतिनिधियों ने समर्थ योजना की वर्तमान स्थिति पर अपने विचार रखे, जिसमें चुनौतियों का समाधान, विकास की संभावनाएं और भारत को कपड़ा का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए स्किल्ड मैनपावर के लिए उपलब्ध अवसर शामिल हैं।

समर्थ वर्कफोर्स सशक्तीकरण विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

समर्थ का उद्देश्य संगठित कपड़ा और संबंधित क्षेत्रों में रोजगार सृजन में उद्योग के प्रयासों को प्रोत्साहित करना और पूरक बनाना है, जिसमें कताई और बुनाई को छोड़कर कपड़ा की पूरी वैल्यू चेन शामिल है।

इस बीच, केंद्र के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा प्रत्येक वर्ष कपड़ा क्षेत्र में स्टार्टअप के रूप में मान्यता प्राप्त नई संस्थाओं की संख्या पिछले पांच वर्षों में लगातार बढ़ रही है।

वर्ष 2020 में यह संख्या 204 से बढ़कर वर्ष 2023 में 703 और वर्ष 2024 में 765 हो गई है।

--आईएएनएस

एसकेटी/केआर

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