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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत में 2026 में वेतन में 9 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद की जा रही है, जो कि 2025 में दर्ज की गई 8.9 प्रतिशत वृद्धि से अधिक है। यह ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन के बावजूद मजबूत जॉब मार्केट को दर्शाता है। यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
एओन पीएलसी द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2026 में रियल स्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) जैसे सेक्टर में सबसे अधिक सैलरी बढ़ोतरी देखी जाएगी।
रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां 10.9 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती हैं, जबकि एनबीएफसी में वेतन में 10 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
ऑटोमोटिव और व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग जैसे अन्य उद्योगों में 9.6 प्रतिशत, इंजीनियरिंग डिजाइन सर्विस में 9.7 प्रतिशत, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग में 9.2 प्रतिशत, रिटेल में 9.6 प्रतिशत और लाइफ साइंस में 9.6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
यह वेतन वृद्धि केमिकल्स में 8.8 प्रतिशत, ई-कॉमर्स में 9.2 प्रतिशत, फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) में 9.1 प्रतिशत, वैश्विक क्षमता केंद्रों में 9.5 प्रतिशत, टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म और प्रोडक्ट में 9.4 प्रतिशत, बैंकिंग में 8.6 प्रतिशत और टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग और सर्विसेज में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
एओन के अनुसार, भारत की मजबूत घरेलू खपत, इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश और सहायक नीतिगत उपाय व्यवसायों को विकास और स्थिरता बनाए रखने में मदद कर रहे हैं।
एओन में पार्टनर और रिवॉर्ड कंसल्टिंग लीडर रूपांक चौधरी ने कहा, रियल एस्टेट और एनबीएफसी जैसे प्रमुख क्षेत्र टैलेंट इन्वेस्टमेंट में अग्रणी हैं। कंपनियां वैश्विक अनिश्चितता के बीच भी सस्टेनेबल ग्रोथ और वर्कफोर्स स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पारिश्रमिक के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपना रही हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि नौकरी छोड़ने की दर धीरे-धीरे कम होकर 2025 में 17.1 प्रतिशत हो गई है, जो 2024 में 17.7 प्रतिशत और 2023 में 18.7 प्रतिशत थी।
यह एक अधिक स्थिर टैलेंट लैंडस्केप की ओर इशारा करता है, जहां कंपनियां कर्मचारियों को बनाए रखने और भविष्य के लिए एक मजबूत वर्कफोर्स बनाने के लिए अपस्किलिंग और डेवलपमेंट प्रोग्राम में निवेश करने में सक्षम हो रही हैं।
एओन के एसोसिएट पार्टनर अमित कुमार ओटवानी ने कहा कि हाल के कर सुधार भारत के बिजनेस एनवायरमेंट को बदल रहे हैं, खासकर कंज्यूमर गुड्स और ऑटोमोटिव सेक्टर को लाभ पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, सरल अनुपालन और रेशनलाइज्ड टैक्स रेट एफिशिएंसी को बढ़ावा दे रही हैं। जो कंपनियां अपनी पुरस्कार रणनीतियों को इन बदलावों के साथ जोड़ कर चलेंगी, वे टॉप टैलेंट को आकर्षित करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में होंगी।
--आईएएनएस
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