यमन संकट और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा : मार्को रुबियो ने सऊदी-यूएई के विदेश मंत्रियों से की बातचीत

यमन संकट और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा : मार्को रुबियो ने सऊदी-यूएई के विदेश मंत्रियों से की बातचीत

यमन संकट और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा : मार्को रुबियो ने सऊदी-यूएई के विदेश मंत्रियों से की बातचीत

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IANS
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Rubio discusses Yemen with UAE, Saudi leaders

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

वाशिंगटन, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने यमन में बिगड़ती स्थिति और क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के शीर्ष नेताओं से अलग-अलग फोन पर बात की। यह जानकारी अमेरिकी सरकार की ओर से जारी बयान में दी गई।

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पहली बातचीत में रुबियो ने संयुक्त अरब अमीरात के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से बात की। दोनों नेताओं ने यमन की मौजूदा स्थिति के साथ-साथ पूरे मध्य पूर्व की सुरक्षा और स्थिरता से जुड़े व्यापक मुद्दों पर चर्चा की।

यह बातचीत ऐसे समय हुई है जब यमन की कमजोर सुरक्षा स्थिति को लेकर दुनिया भर में चिंता बनी हुई है। इसका असर समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय व्यापार मार्गों पर भी पड़ रहा है।

इसके बाद उसी दिन रुबियो ने सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद से अलग से फोन पर बातचीत की। इस दौरान यमन में जारी तनाव और क्षेत्रीय सुरक्षा व स्थिरता से जुड़े मुद्दों पर दोनों के बीच विचारों का आदान-प्रदान हुआ।

लगातार हुई इन बातचीतों से यह साफ होता है कि अमेरिका खाड़ी क्षेत्र के अपने प्रमुख साझेदार देशों के साथ राजनयिक संपर्क बनाए हुए है, क्योंकि यमन का संघर्ष अभी भी पूरे क्षेत्र की स्थिरता के लिए चुनौती बना हुआ है।

यमन के संकट से निपटने में संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब की भूमिका अहम रही है। इस संघर्ष का असर शिपिंग के लिए खतरे और पूरे मध्य पूर्व की सुरक्षा पर भी पड़ा है।

अमेरिकी अधिकारी बार-बार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि क्षेत्रीय देशों के साथ मिलकर काम करना जरूरी है ताकि तनाव को नियंत्रित किया जा सके और स्थिरता को बढ़ावा दिया जा सके। खासकर मध्य पूर्व के कई हिस्सों में बढ़ी हुई अस्थिरता के बीच ये जरूरी है।

यमन एक दशक से भी अधिक समय से संघर्ष की आग में झुलस रहा है। हूती बलों और सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच जारी लड़ाई के कारण वहां गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया है। इसे संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों में से एक बताया है।

हालांकि कुछ समय के लिए हिंसा में कमी और बातचीत की कोशिशें हुई हैं, लेकिन तनाव अब भी बना हुआ है। इससे क्षेत्रीय सुरक्षा और अहम समुद्री रास्तों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

अमेरिका यमन से जुड़े कूटनीतिक प्रयासों में लगातार सक्रिय रहा है। वह क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर तनाव कम करने, राजनीतिक समाधान निकालने और मध्य पूर्व में इस संघर्ष से जुड़ी व्यापक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की कोशिश कर रहा है।

--आईएएनएस

एएस/

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