ढाका विश्वविद्यालय में चुनाव, जमात की छात्र शाखा जीती तो प्रतिद्वंदी बोले, 'परिणाम एक धोखा'

ढाका विश्वविद्यालय में चुनाव, जमात की छात्र शाखा जीती तो प्रतिद्वंदी बोले, 'परिणाम एक धोखा'

ढाका विश्वविद्यालय में चुनाव, जमात की छात्र शाखा जीती तो प्रतिद्वंदी बोले, 'परिणाम एक धोखा'

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IANS
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Rivals reject Dhaka University poll results as Jamaat's student wing sweeps key posts

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

ढाका, 10 सितंबर (आईएएनएस)। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कई छात्र नेताओं ने बुधवार को ढाका विश्वविद्यालय केंद्रीय छात्र संघ (डीयूसीएसयू) चुनाव के परिणामों को खारिज कर दिया और इसे सुनियोजित धोखाधड़ी करार दिया। छात्र शिबिर के शादिक कायम को उपाध्यक्ष (वीपी) चुने जाने पर विरोधी खेमे ने आपत्ति जताई है।

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छात्र शिबिर कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी का स्टूडेंट विंग है।

मतदान मंगलवार सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक हुआ। बांग्लादेश के एक प्रमुख दैनिक, द बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, बुधवार को आए चुनाव परिणामों में छात्र शिबिर ने केंद्रीय समिति के 28 में से 23 पदों पर जीत हासिल की, जिनमें उपाध्यक्ष और महासचिव पद भी शामिल हैं।

शिबिर के उम्मीदवार अबू शादिक कायम उपाध्यक्ष, एसएम फरहाद महासचिव और मोहिउद्दीन खान सहायक महासचिव (एजीएस) चुने गए।

कई उम्मीदवारों ने चुनाव के दौरान गड़बड़ी के आरोप लगाए। बीएनपी समर्थित उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार अबिदुल इस्लाम खान और निर्दलीय उम्मीदवार उमामा फातिमा ने अन्य पैनल के नेताओं के साथ चुनाव का बहिष्कार किया।

उन्होंने दावा किया कि शिबिर गठबंधन ने विश्वविद्यालय प्रशासन के समर्थन से चुनाव जीता है।

दिन में पहले कायम की बढ़त बनाए रखने के बाद, खान ने अपने सोशल मीडिया पर कहा कि नतीजों में धांधली होगी। तंज कसते हुए आगे कहा, आंकड़े आप अपनी मर्जी से रख लें। मैं इस सुनियोजित तमाशे का विरोध करता हूं।

इस बीच, स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन की पूर्व प्रवक्ता उमामा फातिमा, जिन्होंने पिछले साल जुलाई में हुए विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था, ने भी चुनाव को धांधली बताया।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, बहिष्कार! बहिष्कार! मैं डुक्सू का विरोध करती हूं। यह बेशर्मी से रचा गया धांधली वाला चुनाव है। 5 अगस्त के बाद, ढाका विश्वविद्यालय प्रशासन ने देश को शर्मसार किया है। यह प्रशासन शिबिर के वफादार चला रहे हैं।

इससे पहले मंगलवार को, बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने मुहम्मद यूनुस समर्थित विश्वविद्यालय अधिकारियों पर पाकिस्तान समर्थित छात्र शिबिर को जीत दिलाने के लिए पहले से मतपत्र भरने का आरोप लगाया था।

चुनाव को एक तमाशा बताते हुए, पार्टी ने आरोप लगाया कि वोटिंग से पहले ही शिबिर समर्थित उम्मीदवारों एसएम फरहाद और शादिक कायम के नाम से पहले ही चिह्नित वोटों की पर्चियां दी गईं।

अवामी लीग ने एक छात्रा के हवाले से कहा, मैं अपनी दोस्त के साथ वोट देने गई थी। हमें जो मतपत्र मिला, वह पहले से ही शिबिर उम्मीदवारों के लिए चिह्नित था। जब मेरी दोस्त ने टेबल नंबर 1 पर मतदान अधिकारी से बात की, तो माफी मांगने के बजाय, वह उसके खिलाफ हो गए - उसे धमकाया, उसकी वैधता पर सवाल उठाया, जबकि उसके पास वैध मतदाता पहचान पत्र था!

पार्टी ने इसे छात्रों की आवाज दबाने और विदेशी समर्थन वाले चरमपंथी समूहों को सशक्त बनाने के लिए मतपत्रों में ठूंसा अत्याचार करार दिया।

इन छात्र नेताओं ने पहले यूनुस और कई राजनीतिक संगठनों के साथ मिलकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई अवामी लीग सरकार को उखाड़ फेंका था।

--आईएएनएस

केआर/

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