पाकिस्तान सरकार से जबरन गुमशुदगियों को खत्म करने की अपील: मानवाधिकार आयोग

पाकिस्तान सरकार से जबरन गुमशुदगियों को खत्म करने की अपील: मानवाधिकार आयोग

पाकिस्तान सरकार से जबरन गुमशुदगियों को खत्म करने की अपील: मानवाधिकार आयोग

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IANS
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Extrajudicial killings, enforced disappearances continue in Balochistan: rights body

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

इस्लामाबाद, 1 सितम्बर (आईएएनएस)। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने सरकार से देश में जबरन गुमशुदगियों की प्रथा समाप्त करने की तत्काल अपील की है। आयोग ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत मानवता के खिलाफ अपराध करार देते हुए कहा कि सभी पीड़ितों को सुरक्षित ढंग से बरामद कर अदालतों में पेश किया जाए।

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अंतरराष्ट्रीय जबरन गुमशुदगी पीड़ित दिवस पर एचआरसीपी ने कहा, “राज्य को इस अमानवीय प्रथा को खत्म करना चाहिए। हम मांग करते हैं कि सभी गुमशुदा व्यक्तियों को तुरंत सुरक्षित रूप से बरामद कर अदालत में पेश किया जाए। जिन पर कोई आरोप हैं, उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई हो और उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार दिया जाए।”

एचआरसीपी ने मांग की कि सरकार जल्द से जल्द जबरन गुमशुदगी को अपराध घोषित करने के लिए कानून बनाए और अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन ‘इंटरनेशनल कन्वेंशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ ऑल पर्सन्स फ्रॉम एनफोर्स्ड डिसअपियरेंस’ की पुष्टि और क्रियान्वयन करे।

आयोग ने यह भी कहा कि जबरन गुमशुदगियों, हिरासत में प्रताड़ित करने और फर्जी मुठभेड़ों में शामिल व्यक्तियों और संस्थानों को जवाबदेह ठहराया जाए। साथ ही, जबरन गुमशुदगी जांच आयोग के नए अध्यक्ष की नियुक्ति और आयोग का पुनर्गठन किया जाए ताकि पीड़ित परिवारों को बेहतर तरीके से न्याय मिल सके।

एचआरसीपी ने पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए एक पारदर्शी मुआवजा तंत्र लागू करने की भी मांग की, खासकर उन महिलाओं के लिए जिन्होंने अपने परिवार के कमाने वाले सदस्य को खो दिया है।

यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान, विशेषकर बलूचिस्तान से, जबरन गुमशुदगियों की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। जुलाई 2025 की ह्यूमन राइट्स काउंसिल ऑफ बलूचिस्तान (एचआरसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ एक महीने में 112 लोगों को जबरन गायब किया गया। इनमें से 89 अब भी लापता हैं, 15 को रिहा किया गया, जबकि आठ की हिरासत में हत्या कर दी गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, गुमशुदा लोगों में आठ नाबालिग भी शामिल हैं। इनमें से एक की हिरासत में मौत हो गई, एक को रिहा किया गया और पांच अब भी लापता हैं। अधिकतर मामलों (77) में लोगों को घरों पर छापेमारी के दौरान उठाया गया, जबकि 27 लोगों को सड़कों, दुकानों और दफ्तरों से पकड़ा गया। छह लोगों को चेकपोस्ट से और दो को सैन्य शिविर बुलाकर गायब कर दिया गया।

--आईएएनएस

डीएससी/

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