एसबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को 8,077 करोड़ रुपए का लाभांश दिया

एसबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को 8,077 करोड़ रुपए का लाभांश दिया

एसबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को 8,077 करोड़ रुपए का लाभांश दिया

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IANS
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SBI pays Rs 8,077 crore as dividend to govt for FY 2024-25

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 8,076.84 करोड़ रुपए का लाभांश चेक दिया।

एसबीआई के चेयरमैन सीएस सेट्टी ने वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में वित्त मंत्री को यह चेक सौंपा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए एसबीआई के चेयरमैन सीएस सेट्टी से 8076.84 करोड़ रुपए का लाभांश चेक मिला।

भारत की टॉप पब्लिक सेक्टर कंपनियों ने 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान मुनाफे में मजबूत वृद्धि दर्ज की, जिससे सरकार की राजकोषीय स्थिति और मजबूत होने की उम्मीद है।

देश के सबसे बड़े ऋणदाता एसबीआई और बीमा दिग्गज भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने क्रमशः 18,643 करोड़ रुपए और 19,013 करोड़ रुपए के शुद्ध लाभ के साथ बढ़त हासिल की। ​​

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए एसबीआई का शुद्ध लाभ अब 70,901 करोड़ रुपए हो गया है, जबकि एलआईसी ने 48,151 करोड़ रुपए का प्रभावशाली शुद्ध लाभ दर्ज किया है।

एनर्जी सेक्टर में कोल इंडिया ने चौथी तिमाही के दौरान 9,604 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने 7,265 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया। ओएनजीसी ने तिमाही के दौरान 6,448 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया।

पावर सेक्टर में देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक, एनटीपीसी ने 7,897 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) ने 8,358 करोड़ रुपए की शानदार कमाई की। पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने भी जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान 4,143 करोड़ रुपए का मजबूत लाभ दर्ज किया।

उच्च लाभांश के माध्यम से सरकार के वित्त में उच्च योगदान के अलावा, बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम कॉर्पोरेट करों के उच्च भुगतान से राजस्व बढ़ता है।

इसके अलावा, इन सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमों की बड़ी पूंजीगत व्यय योजनाएं अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

महालेखा-नियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार ने कर और गैर-कर प्राप्तियों दोनों के रूप में 30.36 लाख करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र किया, जो संशोधित बजट अनुमान (आरई) का 98.3 प्रतिशत है। पीएसयू की कमाई इन गैर-कर प्राप्तियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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