प्रीडायबिटीज को ठीक करने से हार्ट अटैक के खतरे में 60 प्रतिशत की आ सकती है कमी : स्टडी

प्रीडायबिटीज को ठीक करने से हार्ट अटैक के खतरे में 60 प्रतिशत की आ सकती है कमी : स्टडी

प्रीडायबिटीज को ठीक करने से हार्ट अटैक के खतरे में 60 प्रतिशत की आ सकती है कमी : स्टडी

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IANS
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Reversing prediabetes can reduce heart attack risk by nearly 60 pc: Study

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। एक स्टडी के अनुसार, प्रीडायबिटिक मरीज जो अपने ब्लड शुगर लेवल को कम करते हैं और बीमारी को कंट्रोल कर लेते हैं, वे गंभीर दिल की बीमारियों की संभावना को लगभग 60 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं।

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द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में पब्लिश रिसर्च के अनुसार ब्लड ग्लूकोज को नॉर्मल लेवल पर लाने से, यानी प्रीडायबिटीज को प्रभावी ढंग से ठीक करने से, दिल की बीमारी से मौत या हार्ट फेलियर के लिए हॉस्पिटल में भर्ती होने का खतरा कम हो जाता है।

जिन लोगों ने प्रीडायबिटीज से छुटकारा पा लिया था, उनमें कार्डियोवैस्कुलर मौत या हार्ट फेलियर के कारण हॉस्पिटल में भर्ती होने का खतरा 58 प्रतिशत कम था। यूके के किंग्स कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स ने कहा कि यह असर ग्लूकोज लेवल को नॉर्मल करने के दशकों बाद भी बना रहा, जो ब्लड ग्लूकोज को रेगुलेट करने पर एक स्थायी प्रभाव दिखाता है।

यह खोज खासकर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हालिया रिसर्च से पता चला है कि सिर्फ लाइफस्टाइल में बदलाव, जिसमें एक्सरसाइज, वजन कम करना और खाने-पीने में सुधार शामिल हैं, प्रीडायबिटीज वाले लोगों में कार्डियोवैस्कुलर जोखिम को कम नहीं करते हैं।

किंग्स कॉलेज लंदन और यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ट्यूबिंजन में डायबिटीज के रीडर, लीड लेखक डॉ. एंड्रियास बिर्केनफेल्ड ने कहा, यह स्टडी मॉडर्न प्रिवेंटिव मेडिसिन की सबसे बड़ी मान्यताओं में से एक को चुनौती देती है। सालों से, प्रीडायबिटीज वाले लोगों से कहा जाता रहा है कि वजन कम करने, ज्यादा एक्सरसाइज करने और हेल्दी खाना खाने से वे हार्ट अटैक और जल्दी मौत से बचेंगे। हालांकि ये लाइफस्टाइल में बदलाव निस्संदेह मूल्यवान हैं, लेकिन सबूत इस बात का समर्थन नहीं करते कि वे प्रीडायबिटीज वाले लोगों में हार्ट अटैक या मृत्यु दर को कम करते हैं।

बिर्केनफेल्ड ने आगे कहा, इसके बजाय, हम दिखाते हैं कि प्रीडायबिटीज से छुटकारा पाने का संबंध जानलेवा कार्डियक घटनाओं, हार्ट फेलियर और सभी कारणों से होने वाली मृत्यु दर में स्पष्ट कमी से है।

प्रीडायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जहां ब्लड ग्लूकोज का लेवल नॉर्मल से ज्यादा होता है लेकिन अभी इतना ज्यादा नहीं होता कि टाइप 2 डायबिटीज का पता चल सके।

पिछली स्टडीज में दिखाया गया था कि लाइफस्टाइल में किए गए मिले-जुले बदलाव, जिसमें ज्यादा एक्सरसाइज और हेल्दी खाना शामिल है, कार्डियोवैस्कुलर बीमारी को कम नहीं करते हैं। यह बताता है कि डायबिटीज की शुरुआत में देरी करना ही कार्डियोवैस्कुलर सुरक्षा की गारंटी नहीं देता, जब तक कि महत्वपूर्ण मेटाबॉलिक बदलाव न हों।

बिरकेनफेल्ड ने कहा, स्टडी के नतीजों का मतलब है कि प्रीडायबिटीज रिमिशन, ब्लड प्रेशर कम करने, कोलेस्ट्रॉल कम करने और स्मोकिंग छोड़ने के साथ, चौथे बड़े प्राइमरी प्रिवेंशन टूल के तौर पर अपनी जगह बना सकता है, जो सच में हार्ट अटैक और मौतों को रोकता है।

--आईएएनएस

एससीएच/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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