भारत में चीनी मिलों का राजस्व वित्त वर्ष 2026 में 8 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद : रिपोर्ट

भारत में चीनी मिलों का राजस्व वित्त वर्ष 2026 में 8 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद : रिपोर्ट

भारत में चीनी मिलों का राजस्व वित्त वर्ष 2026 में 8 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद : रिपोर्ट

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IANS
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Revenues of sugar mills in India to rise 8 pc in FY26

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस) । सामान्य से बेहतर मानसून के कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की खेती का रकबा बढ़ने की उम्मीद है। प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में बेहतर उपज की उम्मीदों के साथ, इस वर्ष चीनी उत्पादन में 15 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

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आईसीआरए का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में इंटीग्रेटेड चीनी मिलों का राजस्व 6-8 प्रतिशत तक बढ़ेगा, जिसे बिक्री की मात्रा में वृद्धि, मजबूत घरेलू चीनी कीमतों और अधिक डिस्टिलरी उत्पादन के साथ-साथ मदद मिलेगी।

इसके बावजूद, अगर इथेनॉल की कीमतें स्थिर रहती हैं तो वित्त वर्ष 2026 में चीनी मिलों के परिचालन लाभ मार्जिन में मामूली वृद्धि होगी।

चीनी क्षेत्र के राजस्व में अपेक्षित सुधार, स्थिर लाभप्रदता और आरामदायक ऋण कवरेज मानकों के साथ-साथ इथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (ईबीपी) सहित सरकार के नीतिगत समर्थन की वजह से आईसीआरए का इस क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण स्थिर बना हुआ है।

अपेक्षित घरेलू चीनी उत्पादन और कीमतों पर टिप्पणी करते हुए, आईसीआरए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, गिरीशकुमार कदम ने कहा, आईसीआरए का अनुमान है कि सामान्य से बेहतर मानसून और प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ने के रकबे और उपज में अपेक्षित सुधार के बीच, चीनी के लिए सकल चीनी उत्पादन वर्ष 2025 के 29.6 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़कर वर्ष 2026 में 34.0 मिलियन टन (एमटी) हो जाएगा।

4 मिलियन मीट्रिक टन इथेनॉल उत्पादन की ओर अनुमानित डायवर्जन के बाद, शुद्ध चीनी उत्पादन 2025 के 26.2 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़कर 2026 में 30.0 मिलियन मीट्रिक टन हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि 2026 में इथेनॉल की ओर डायवर्जन में अपेक्षित वृद्धि के बावजूद, क्लोजिंग शुगर स्टॉक कंफर्टेबल रहने की संभावना है।

इसके अलावा, घरेलू चीनी की कीमतें, जो वर्तमान में 39-41 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में हैं, अगले सीजन की शुरुआत तक स्थिर रहने की उम्मीद है, जिससे मिलों की लाभप्रदता को बढ़ावा मिलेगा।

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 30 सितंबर, 2025 तक क्लोजिंग शुगर स्टॉक लगभग 52 लाख मीट्रिक टन होगा, जो 30 सितंबर, 2024 तक 80 लाख मीट्रिक टन के चीनी स्टॉक से कम है। यह दो महीने की खपत के बराबर होगा।

अनुमान के अनुसार अगर घरेलू खपत और निर्यात कोटा वित्त वर्ष 2025 के समान ही रहता है तो 30 सितंबर, 2026 तक अंतिम स्टॉक बढ़कर 63 लाख मीट्रिक टन (लगभग 2.5 महीने की खपत) हो जाने की उम्मीद है।

कदम ने कहा, हाल के महीनों में भारत सरकार द्वारा निर्धारित 20 प्रतिशत ब्लेंडिंग टारगेट हासिल करने के साथ इथेनॉल ब्लेंडिंग का रुझान उत्साहजनक बना हुआ है। इसके अलावा, सरकार ब्लेंडिंग टारगेट को 20 प्रतिशत से आगे बढ़ाने के विकल्प पर विचार कर रही है, जिससे डिस्टिलरी को मदद मिलेगी।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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