वित्त वर्ष 2025 में भारत के रेमिटेंस में रिकॉर्ड 14 प्रतिशत का उछाल दर्ज

वित्त वर्ष 2025 में भारत के रेमिटेंस में रिकॉर्ड 14 प्रतिशत का उछाल दर्ज

वित्त वर्ष 2025 में भारत के रेमिटेंस में रिकॉर्ड 14 प्रतिशत का उछाल दर्ज

author-image
IANS
New Update
India sees 58% surge in deal values driven by big-ticket transactions

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 1 जुलाई (आईएएनएस) । आरबीआई द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, विदेशों में काम कर रहे भारतीयों द्वारा घर भेजे गए धन में वित्त वर्ष 2024-25 में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो रिकॉर्ड 135.46 अरब डॉलर हो गई है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में प्राइवेट ट्रांसफर के अंतर्गत वर्गीकृत इनफ्लो भारत के ग्रॉस करंट अकाउंट फ्लो 1 ट्रिलियन डॉलर के 10 प्रतिशत से अधिक था।

पर्सनल ट्रांसफर रिसिप्ट, जो मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा प्रेषित धन का प्रतिनिधित्व करती हैं, 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में बढ़कर 33.9 बिलियन डॉलर हो गई, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 31.3 बिलियन डॉलर थी।

विदेश में काम करने वाले भारतीयों ने 2024 में रिकॉर्ड 129.4 बिलियन डॉलर अपने घर भेजे, जिसमें अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 36 बिलियन डॉलर का अब तक का सबसे अधिक इनफ्लो शामिल है।

विश्व बैंक के अर्थशास्त्रियों द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत 2024 में रेमिटेंस के लिए प्राप्तकर्ता देशों की सूची में सबसे ऊपर है और 68 बिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर मौजूद मेक्सिको से काफी आगे है।

चीन 48 बिलियन डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर है, उसके बाद 40 बिलियन डॉलर के साथ फिलीपींस और 33 बिलियन डॉलर के साथ पाकिस्तान का स्थान है।

विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2024 कैलेंडर वर्ष में रेमिटेंस की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2023 में यह 1.2 प्रतिशत दर्ज की गई थी।

विदेशों में काम करने वाले भारतीयों की संख्या 1990 में 6.6 मिलियन से बढ़कर 2024 में 18.5 मिलियन हो गई है, जबकि इसी अवधि के दौरान वैश्विक प्रवासियों में उनकी हिस्सेदारी 4.3 प्रतिशत से बढ़कर 6 प्रतिशत से अधिक हो गई है। खाड़ी देशों में भारतीय प्रवासियों की संख्या दुनिया भर में कुल भारतीय प्रवासियों का लगभग आधा है।

कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के उच्च आय वाले देशों में नौकरी बाजारों की रिकवरी, रेमिटेंस का मुख्य चालक रही है।

यह संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए विशेष रूप से सच है, जहां विदेशी मूल के श्रमिकों का रोजगार लगातार बढ़ रहा है और फरवरी 2020 में देखे गए महामारी-पूर्व स्तर से 11 प्रतिशत अधिक है।

इस बीच, अमेरिका में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों और भारत में पैसा भेजने वाले एनआरआई को बड़ी राहत देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट के अपडेटेड ड्राफ्ट ने रेमिटेंस पर कर की दर को घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया है, जो शुरू में प्रस्तावित 5 प्रतिशत से कम है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment