मुंबई, 11 अगस्त (आईएएनएस)। म्यूजिक कंपोजर प्रीतम की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म मेट्रो... इन दिनों के गानों को लेकर काफी सराहना हुई। सबसे ज्यादा लोगों को कायदे से गाना काफी पसंद आया। इसमें प्रीतम ने रोमांटिक संगीत दिया, वहीं बोल अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखे। इस पर प्रीतम ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि अमिताभ भट्टाचार्य ने गाने के बोल लिखे हैं, तो वे सोच में पड़ गए कि वह उनकी नजरों से कैसे छिप गए?
बता दें कि अमिताभ लंबे समय तक प्रीतम के असिस्टेंट रहे हैं। जब दोनों साथ काम करते थे, तब प्रीतम अमिताभ के इस खास पहलू के बारे में नहीं जानते थे।
प्रीतम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, अमिताभ मेरे पहले असिस्टेंट्स में से एक थे। वह मेरे पास काम के लिए आए थे, लेकिन तब मैं खुद इंडस्ट्री में नया था और अपना रास्ता बना रहा था। मुझे लगता था कि अमिताभ गाते हैं; वह कभी लिखते नहीं थे। उस वक्त मैं हर किसी को गीतकार बना देता था।
प्रीतम ने कहा, अमिताभ वर्मा मेरे स्टूडियो में एडिटर थे। मैंने उन्हें गाने के बोल लिखने वाला बना दिया। मयूर पुरी संजय गढ़वी के असिस्टेंट थे। मैंने उनसे एक छोटा सा ड्राफ्ट लिखने के लिए कहा और उन्हें भी गीतकार बना दिया। आशीष पंडित गाना गाने आए थे, मैंने उनसे भी एक ड्राफ्ट लिखने को कह दिया। मैं सोच रहा था कि अमिताभ भट्टाचार्य मेरी नजरों से कैसे छिप गए?
उन्होंने कहा, जब मुझे पता चला कि अमिताभ ने देव डी के गाने इमोशनल अत्याचार के बोल लिखे हैं, तो मैं बोला, ये हमारा पिम्पू है, उसने ये लिखा है! मुझे लगता है कि उसने मेरे लिए पहली बार वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई फिल्म का गाना लिखा था। उसके बाद हमारा रिश्ता और भी गहरा हो गया।
इसके पहले, प्रीतम ने बताया था कि वह निर्देशक अनुराग के साथ एक नए आइडिया को लेकर काफी उत्साहित हैं।
प्रीतम ने आईएएनएस को पहले दिए इंटरव्यू में बताया, उनके पास दो-तीन नए आइडिया हैं। एक ऐसा आइडिया है जिसके बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं बता सकता, लेकिन मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि मैं उस आइडिया को लेकर उतना ही उत्साहित हूं जितना मेट्रो... इन दिनों के समय था। वो आइडिया थोड़ा अलग और नया है।
--आईएएनएस
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