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ब्रिटेन में 72 बिलियन पाउंड से अधिक राजस्व वाली रिकॉर्ड 1,197 भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियां कर रही काम
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। ब्रिटेन-भारत आर्थिक साझेदारी के बढ़ने के संकेत के रूप में अब ब्रिटेन में 1,197 भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियां काम कर रही हैं, जो 2024 में दर्ज की गई 971 कंपनियों की तुलना में 23 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। यह जानकारी गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
ग्रांट थॉर्नटन ने 2017 में कुल सटीक संख्या को ट्रैक करना शुरू किया था। तब से यह सबसे अधिक है और सालाना आधार पर सबसे बड़ी वृद्धि है।
ब्रिटेन में भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा रिपोर्ट की गई संयुक्त आय 2024 में 68.09 बिलियन पाउंड से बढ़कर 72.14 बिलियन पाउंड हो गई। ये व्यवसाय पूरे ब्रिटेन में 126,720 लोगों को रोजगार देते हैं और पिछले एक साल में इन व्यवसायों ने 8,000 से अधिक नई नौकरियां पेश की हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, महिला निदेशकों का अनुपात भी 2024 के 21 प्रतिशत से बढ़कर अब 24 प्रतिशत हो गया है। इस साल सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों की सूची भी मजबूत परिणाम देती है, जिसमें 74 कंपनियों ने 10 प्रतिशत या उससे अधिक की राजस्व वृद्धि दर्ज की है।
2025 ट्रैकर कंपनियों ने 42 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर और 32.6 बिलियन पाउंड का संयुक्त कारोबार हासिल किया। इन फर्मों ने 67.3 मिलियन पाउंड का कॉर्पोरेट टैक्स भी चुकाया और 56,000 से अधिक नौकरियां पैदा कीं।
ग्रांट थॉर्नटन में साउथ एशिया बिजनेस ग्रुप के पार्टनर और हेड अनुज चंदे ने कहा, इस साल के इंडिया मीट्स ब्रिटेन ट्रैकर के निष्कर्ष इन दो महान देशों के बीच गहरे और ऐतिहासिक संबंधों को दिखाते हैं। यह स्पष्ट है कि भारत, ब्रिटेन को एक प्रमुख निवेश केंद्र और एक ऐसे देश के रूप में देखता है, जहां भारतीय फर्म फल-फूल सकती हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से तैयार की गई इस रिपोर्ट को इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) के शामिल होने से मजबूती मिली है, जिन्होंने भारत यूके कॉरिडोर में अपनी दीर्घकालिक विशेषज्ञता, अनुभव और प्रभाव के साथ रिपोर्ट को बेहतर बनाया है।
रिपोर्ट को आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन के व्यापार और वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय केंद्र में एक विशेष उद्घाटन सत्र के दौरान आईजीएफ के लंदन फ्लैगशिप कार्यक्रम के हिस्से के रूप में लॉन्च किया।
रिपोर्ट में कहा गया है, विप्रो आईटी सर्विसेज यूके सोसाइटस 448 प्रतिशत राजस्व वृद्धि के साथ विकास रैंकिंग में शीर्ष पर है, इसके बाद एक नई कॉर्पोरेट आईटी प्रबंधन फर्म, जोहो कॉर्पोरेशन लिमिटेड है, जिसने 197 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
स्थान के संदर्भ में, लंदन पसंदीदा गंतव्य बना हुआ है, जिसमें 47 प्रतिशत कंपनियों का मुख्यालय राजधानी में है, इसके बाद 24.3 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ साउथ ऑफ इंग्लैंड है।
सबसे ज्यादा भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियों वाले क्षेत्रों के संदर्भ में, टीएमटी (टेक्नोलॉजी, मीडिया एंड टेलिकम्युनिकेशन) सेक्टर सबसे आगे है, जिसकी ट्रैकर कंपनियों में हिस्सेदारी 31 प्रतिशत है। इसके बाद फार्मास्यूटिकल्स और केमिकल्स 22 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर बने हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लंदन के ग्लोबल फाइनेंस हब में भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों के रणनीतिक विस्तार के कारण ट्रैकर कंपनियों में फाइनेंशियल सर्विस की हिस्सेदारी बढ़कर 9.5 प्रतिशत हो गई है, जो हाल के वर्षों में उनका उच्चतम अनुपात है।
--आईएएनएस
एसकेटी/
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