भारत में रियल एस्टेट संस्थागत पूंजी प्रवाह 2025 की पहली छमाही में 3.1 बिलियन डॉलर तक पहुंचा

भारत में रियल एस्टेट संस्थागत पूंजी प्रवाह 2025 की पहली छमाही में 3.1 बिलियन डॉलर तक पहुंचा

भारत में रियल एस्टेट संस्थागत पूंजी प्रवाह 2025 की पहली छमाही में 3.1 बिलियन डॉलर तक पहुंचा

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IANS
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Real estate institutional capital flows in India reach $3.1 billion in 2025 first half

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 23 जून (आईएएनएस)। इस वर्ष 2025 की पहली छमाही में 30 सौदों के माध्यम से भारतीय रियल एस्टेट बाजार में संस्थागत निवेश 3,068 मिलियन डॉलर (3.1 बिलियन डॉलर) तक पहुंच गया है। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

जेएलएल की रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनौतीपूर्ण अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थितियों के कारण निवेश लेनदेन की समयसीमा बढ़ रही है। इसके बावजूद, रियल एस्टेट बाजार अपनी मूलभूत स्थिति को मजबूत बनाए रखता है।

यह धीमी गति 2024 के असाधारण प्रदर्शन के बाद आई है, जिसमें निवेश ऐतिहासिक शिखर पर पहुंच गया था, जो 2007 में स्थापित 8.4 बिलियन डॉलर के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ गया था।

संस्थागत निवेशक आरईआईटी, क्यूआईपी और सूचीबद्ध संस्थाओं में निवेश सहित पब्लिक मार्केट चैनलों के माध्यम से भाग लेना जारी रखते हैं।

2025 का सबसे महत्वपूर्ण लेनदेन ब्लैकस्टोन का भारत के आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रवेश रहा है, जिसमें कोल्टे-पाटिल डेवलपर्स के 66 प्रतिशत तक अधिग्रहण के लिए लगभग 214 मिलियन डॉलर का निवेश किया गया है।

जेएलएल इंडिया की वरिष्ठ प्रबंध निदेशक और पूंजी बाजार प्रमुख लता पिल्लई ने कहा, भारत का रियल एस्टेट सेक्टर एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना हुआ है, जो 2025 की पहली छमाही में वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं द्वारा अल्पकालिक चुनौतियों को पेश करने के बावजूद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के विश्वास से उत्साहित है।

1 बिलियन डॉलर से अधिक के सौदों की एक मजबूत पाइपलाइन भविष्य में निरंतर गतिविधि की ओर इशारा करती है।

रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट्स) और संस्थागत खिलाड़ियों की ओर से गतिविधि में उछाल भारतीय रियल एस्टेट निवेश परिदृश्य की परिपक्वता और गहराई को और उजागर करता है।

पिल्लई ने कहा, रियल एस्टेट बाजार ने पिछले पांच वर्षों में 5 बिलियन डॉलर की सीमा को पार करने वाले वार्षिक निवेश के साथ लगातार अपनी स्थिरता का प्रदर्शन किया है और हम अनुमान लगाते हैं कि कैलेंडर वर्ष 2025 के लिए पूंजी प्रवाह इन स्थापित बेंचमार्क के अनुरूप होगा।

जबकि विदेशी संस्थागत पूंजी का दबदबा बना हुआ है, घरेलू संस्थागत भागीदारी 2023 से तेजी से बढ़ी है, जो अब 2025 की पहली छमाही में 32 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी पर है। विदेशी निवेशक निवेश के 68 प्रतिशत हिस्से के साथ केंद्र में बने हुए हैं।

विदेशी निवेशकों का यह बढ़ता विश्वास बाजार की पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने वाले सरकारी सुधारों से उपजा है।

जेएलएल इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री और रिसर्च एंड आरईआईएस प्रमुख डॉ. सामंतक दास ने कहा, आवासीय क्षेत्र कुल पूंजी प्रवाह में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मामूली रूप से आगे है, जो ऐतिहासिक ऑफिस सेक्टर की प्राथमिकता से एक बड़े बदलाव को दर्शाता है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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