आरबीआई एमपीसी के फैसले से बाजार में बढ़ेगा क्रेडिट फ्लो और समावेशी विकास को मिलेगा बढ़ावा

आरबीआई एमपीसी के फैसले से बाजार में बढ़ेगा क्रेडिट फ्लो और समावेशी विकास को मिलेगा बढ़ावा

आरबीआई एमपीसी के फैसले से बाजार में बढ़ेगा क्रेडिट फ्लो और समावेशी विकास को मिलेगा बढ़ावा

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IANS
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Mumbai: RBI Governor Sanjay Malhotra's press conference

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। बैंकर्स ने बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने और न्यूट्रल रुख अपनाने के फैसला का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आरबीआई का यह फैसला, विकास को समर्थन देने के साथ मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बैलेंस्ड अप्रोच को दर्शाता है।

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न्यूट्रल रुख का मतलब लिक्विडिटी को न तो प्रोत्साहन देना और न ही इस पर रोक लगाने से है। क्योंकि कि यह विकास को नुकसान पहुंचाए बिना मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के बीच एक अच्छा संतुलन बनाता है।

इंडियन बैंक के एमडी और सीईओ विनोद कुमार के अनुसार, आरबीआई एमपीसी की स्थिर नीति ग्राहकों के लिए पूर्वानुमान क्षमता को बढ़ाती है, जिससे ईएमआई का पूर्वानुमान और समय पर क्रेडिट मिलना आसान होता है, जो वर्तमान खपत योजनाओं में मदद करता है।

उन्होंने कहा, एमएसएमई और आवासीय रियल एस्टेट पर जोखिम भार में कमी के साथ यह स्थिरता इस क्षेत्र में मांग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगी। यह स्थिरता रुपए को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाने और भारत को विकसित देश बनाने के प्रयासों जैसे व्यापक आर्थिक लक्ष्यों का समर्थन करती है।

आरबीआई ने वित्त वर्ष 26 के लिए भारत के जीडीपी वृदि दर के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।

इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि खाद्य कीमतों में गिरावट और जीएसटी रेट कट से महंगाई नियंत्रण में बनी हुई है। इसी के साथ, वित्त वर्ष 26 में जीडीपी वृद्धि दर को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत किया जाना वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था को दिखाता है।

श्रीवास्तव ने कहा, बैंकिंग सेक्टर के लिए प्रस्तावित रिस्क-बेस्ड डिपॉजिट इंश्योरेंस प्रीमियम, एमएसएमई और आवासीय रियल एस्टेट ऋण के लिए जोखिम भार में कमी और कॉर्पोरेट अधिग्रहण और पूंजी बाजार फाइनेंसिंग के लिए सक्षम फ्रेमवर्क जैसे नियामक उपायों से बाजार में क्रेडिट फ्लो बढ़ेगा और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने आगे कहा कि मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं के माध्यम से बेसिक बैंक सेविंग जमा खातों के लिए सेवाओं का विस्तार करने पर ध्यान देने से उपभोक्ताओं पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

केपीएमजी इंडिया में पार्टनर और डिप्टी हेड, रिस्क एडवायजरी और फाइनेंशियल रिस्क मैनेजमेंट हेड राजोसिक बनर्जी के अनुसार, आरबीआई की मौद्रिक नीति भारतीय बैंकों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण उपायों को पेश करती है।

इसमें स्मॉल फाइनेंस बैंक को छोड़कर सभी शेड्यूल कमर्शियल बैंकों, पेमेंट बैंक, रीजनल रूरल बैंक और सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए 1 अप्रैल 2027 से लागू होने वाला एक्सपेक्टेड क्रेडिट लॉस (ईसीएल) फ्रेमवर्क जारी करना शामिल है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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