आरबीआई ने छोटे बिजनेस लोन और ज्वेलर्स को वर्किंग कैपिटल लोन के नियमों में दी ढील

आरबीआई ने छोटे बिजनेस लोन और ज्वेलर्स को वर्किंग कैपिटल लोन के नियमों में दी ढील

आरबीआई ने छोटे बिजनेस लोन और ज्वेलर्स को वर्किंग कैपिटल लोन के नियमों में दी ढील

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IANS
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RBI eases norms for small business loans, working capital loans to jewellers

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने स्मॉल बिजनेस लोन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नए दिशा-निर्देशों के साथ बैंकों को लोन की अवधि के दौरान अतिरिक्त ब्याज को एडजस्ट करने में अधिक लेंडिंग फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी।

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आरबीआई ने कच्चे माल के रूप में सोने का इस्तेमाल करने वाले बिजनेस के लिए लोन की पाबंदियों में ढील दी है।

बयान में कहा गया, बैंकों को आम तौर पर किसी भी रूप में सोना या चांदी खरीदने या सोने या चांदी को गिरवी रखकर लोन देने से मनाही है। हालांकि, शेड्यूल कमर्शियल बैंक (एससीबी) को ज्वेलर्स को वर्किंग कैपिटल लोन देने की अनुमति दी गई है।

बिजनेस लोन को लेकर बैंक पहले उधार लेने वाले के क्रेडिट रिस्क से जुड़े स्प्रेड को हर तीन वर्ष में एक बार बदल सकते थे।

नए नियम के तहत, बैंक अब तीन साल की अवधि से पहले भी उधार लेने वालों को फायदा पहुंचाने के लिए दूसरे स्प्रेड कंपोनेंट्स को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, उधार लेने वालों के पास रीसेट के समय अब फिक्स्ड-रेट लोन में बदलने का विकल्प होगा।

नए नियमों के साथ बैंक सोने का इस्तेमाल कच्चे माल के रूप में करने वाले किसी भी बिजनेस को वर्किंग कैपिटल लोन दे सकते हैं। इससे क्रेडिट की पहुंच ज्वेलरी सेक्टर से आगे बढ़ेगी, जबकि पहले सोने और चांदी की खरीद के लिए फाइनेंसिंग में कुछ ही अपवाद थे।

आरबीआई ने उधार देने वाले बैंकों के लिए सात दिशा-निर्देश जारी किए, जिनमें तीन अनिवार्य और चार ओपन फॉर कंसल्टेशन हैं। केंद्रीय बैंक ने इन उपायों पर 20 अक्टूबर तक फीडबैक मांगा है।

केंद्रीय बैंक ने क्रेडिट की पहुंच बढ़ाने के लिए उधार देने में छोटे अर्बन को-ऑपरेटिव की भूमिका को बढ़ाया है। कैपिटल नियमों में भी ढील दी गई है। अब बैंकों को विदेशी मुद्रा और ओवरसीज रूपी बॉन्ड को एडिशनल टियर 1 कैपिटल के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति है, जिससे ग्लोबल मार्केट तक पहुंच आसान हो गई है।

पहले आरबीआई के दिशा-निर्देश में क्रेडिट संस्थानों को क्रेडिट इंफोर्मेशन कंपनियों (सीआईसी) को हर 15 दिन या उससे कम समय में क्रेडिट जानकारी जमा करने का निर्देश दिया गया था।

अब क्रेडिट संस्थानों को क्रेडिट इंफोर्मेशन कंपनियों (सीआईसी) को साप्ताहिक आधार पर जानकारियां जमा करवानी होंगी।

प्रस्तावित संशोधनों में क्रेडिट संस्थानों द्वारा डेटा जमा करने और गलतियों को ठीक करने में तेजी लाने के लिए उपाय भी शामिल हैं।

इसके अलावा, नए दिशा-निर्देशों में सीआईसी द्वारा क्रेडिट जानकारी को एक साथ करने के लिए कंज्यूमर सेगमेंट के रिपोर्टिंग फॉर्मेट में एक अलग फील्ड में सेंट्रल नो योर कस्टमर (सीकेवाईसी) नंबर दर्ज करने का प्रस्ताव है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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