क्विक-कॉमर्स के तेजी से बढ़ने के कारण हजारों स्थानीय किराना दुकानदारों की आय में आ रही बड़ी गिरावट : इंडस्ट्री

क्विक-कॉमर्स के तेजी से बढ़ने के कारण हजारों स्थानीय किराना दुकानदारों की आय में आ रही बड़ी गिरावट : इंडस्ट्री

क्विक-कॉमर्स के तेजी से बढ़ने के कारण हजारों स्थानीय किराना दुकानदारों की आय में आ रही बड़ी गिरावट : इंडस्ट्री

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IANS
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Rapid rise of quick-commerce hampering kirana shops' income: Industry body

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में ई-कॉमर्स (ऑनलाइन शॉपिंग) और क्विक-कॉमर्स (जल्दी-जल्दी सामान पहुंचाने वाली कंपनियां) के तेजी से बढ़ने के कारण हजारों स्थानीय किराना दुकानदारों की आय में बड़ी गिरावट आ रही है। यह बयान बुधवार को फेडरेशन ऑफ रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफआरएआई) की ओर से दिया गया।

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एफआरएआई देशभर के तकरीबन 80 लाख छोटे, मझले और माइक्रो रिटेलर्स का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें 42 रिटेल एसोसिएशंस की सदस्य है। इसने सरकार से अपील की है कि छोटे दुकानदारों के लिए मजबूत मदद की जरूरत है, क्योंकि वे ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स की वजह से मुश्किल में हैं।

एफआरएआई ने बाजार पर किए गए अध्ययनों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले साल 2 लाख से ज्यादा किराना दुकानें बंद हो गईं, क्योंकि लोग अब ब्लिंकिट और जेप्टो जैसे ऐप्स से सामान मंगवाना पसंद कर रहे हैं।

इसके अलावा, एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में 60 प्रतिशत किराना दुकानों की बिक्री में गिरावट आई है, क्योंकि क्विक-कॉमर्स कंपनियों के डार्क स्टोर्स तेजी से बढ़ रहे हैं।

पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने ग्राहकों को तेज डिलीवरी और सस्ते दाम के लालच में डाल दिया है, जिससे छोटे दुकानदारों के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो गया है। इससे कई किराना दुकानों के पास ग्राहक कम आ रहे हैं और उनकी सेल्स (बिक्री) कम हो रही है।

एफआरएआई के सदस्य अभय राज मिश्रा ने कहा, छोटे व्यापारी और किराना दुकानदार एक अभूतपूर्व चुनौती का सामना कर रहे हैं, क्योंकि ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स बाजार को फिर से बदल रहे हैं। ये व्यवसाय जो पीढ़ियों से चले आ रहे थे, अब मजबूत पूंजी वाली कंपनियों और आक्रामक रणनीतियों के सामने संघर्ष कर रहे हैं।

एफआरएआई ने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते मदद नहीं की, तो भारत की स्थानीय खुदरा अर्थव्यवस्था (छोटे व्यापारियों का नेटवर्क) कमजोर हो सकती है और लाखों छोटे दुकानदारों की आमदनी पर असर पड़ सकता है।

इन दुकानदारों ने सरकार से यह भी अपील की कि किराना दुकानों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म दिया जाए, जिससे वे क्विक-कॉमर्स कंपनियों से अच्छे से मुकाबला कर सकें। साथ ही, वे डिजिटल तकनीक अपनाने के लिए तैयार हैं, ताकि वे अपनी दुकान को और अच्छा बना सकें और ग्राहकों को बेहतर सेवा दे सकें।

--आईएएनएस

दुर्गेश बहादुर/एबीएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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