राजमार्गयात्रा ऐप के डाउनलोड्स 15 लाख से पार, फास्टैग यूजर्स की संख्या भी 8 करोड़ से अधिक हुई: केंद्र

राजमार्गयात्रा ऐप के डाउनलोड्स 15 लाख से पार, फास्टैग यूजर्स की संख्या भी 8 करोड़ से अधिक हुई: केंद्र

राजमार्गयात्रा ऐप के डाउनलोड्स 15 लाख से पार, फास्टैग यूजर्स की संख्या भी 8 करोड़ से अधिक हुई: केंद्र

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IANS
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Rajmargyatra app crosses 15 lakh downloads, road network up 60 pc since 2014: Ministry

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। फास्टैग सर्विसेज की मोबाइल एप्लीकेशन राजमार्गयात्रा ऐप ने 15 लाख से अधिक डाउनलोड्स पूरे कर लिए हैं और यह गूगल प्ले पर रैंकिंग में 23 और ट्रेवल श्रेणी में दूसरे स्थान पर है। यह जानकारी सरकार की ओर से मंगलवार को दी गई।

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सरकार ने बयान में कहा, पूरे भारत में फास्टैग यूजर्स की संख्या 8 करोड़ से अधिक हो गई है और इसकी पहुंच देश में 98 प्रतिशत तक हो गई है। दो महीने पहले लॉन्च हुए फास्टैग वार्षिक पास के यूजर्स की संख्या 25 लाख को पार कर गई है और इसके लेनदेन की संख्या 5.67 करोड़ पर पहुंच गई है।

बयान में आगे कहा गया कि 4.5 स्टार की मजबूत यूजर रेटिंग के साथ राजमार्गयात्रा फास्टैग वार्षिक पास सुविधा के लॉन्च के सिर्फ चार दिन बाद शीर्ष प्रदर्शन करने वाला सरकारी ऐप बन गया।

सरकार के मुताबिक, भारत के रोड नेटवर्क का आकार बढ़कर 63 लाख किलोमीटर हो गया है और देश का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का आकार बढ़कर 1,46,204 किलोमीटर हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2013-14 के आंकड़े से 60 प्रतिशत अधिक है।

अकेले 2014 से 2025 के बीच, देश में 54,917 किलोमीटर के नए राष्ट्रीय राजमार्ग बने हैं।

बयान में कहा गया है कि योजना और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) से लेकर निर्माण, रखरखाव, टोल और नेटवर्क अपग्रेडेशन तक, मुख्य प्रक्रियाओं को डिजिटल रूप से सुव्यवस्थित किया जा रहा है जिससे सिस्टम का प्रदर्शन बेहतर हो और व्यापार में आसानी को बढ़ावा मिले।

सरकार ने बताया कि ग्रीन राजमार्ग मिशन और मिशन अमृत सरोवर से टिकाऊ इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रति भारत की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।

एनएचएआई ने 2023-24 में 56 लाख और 2024-25 में 67.47 लाख पौधे लगाए, जिससे ग्रीन राजमार्ग मिशन की शुरुआत के बाद से अब तक कुल 4.69 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं।

इसके अलावा, मिशन अमृत सरोवर ने 467 जल निकायों का विकास किया और राजमार्ग निर्माण के लिए लगभग 2.4 करोड़ घन मीटर मिट्टी उपलब्ध कराई, जिससे अनुमानित 16,690 करोड़ रुपए की बचत हुई।

--आईएएनएस

एबीएस/

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