/newsnation/media/media_files/thumbnails/202511173578488-549034.jpg)
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
जयपुर, 17 नवंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के पशुपालन विभाग ने बीमार पशुओं के इलाज के लिए चैटबॉट-आधारित प्रणाली शुरू करके तकनीकी नवाचार में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
यह अग्रणी पहल पशुपालकों को बीमारियों, लक्षणों और संबंधित समस्याओं की सीधे विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों को रिपोर्ट करने में सक्षम बनाती है, जिससे त्वरित चिकित्सा मार्गदर्शन सुनिश्चित होता है।
पिछले छह महीनों में 82,713 पशुपालकों ने इस प्लेटफॉर्म का उपयोग किया है, जिसके परिणामस्वरूप 65,490 पशुओं को चिकित्सा सहायता मिली है।
केंद्रीय राज्य मंत्री बघेल ने इस पहल की सराहना की और इसे अन्य राज्यों द्वारा अपनाए जाने योग्य एक आदर्श बताया। उन्होंने इस नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत की प्रशंसा की और देश भर में चैटबॉट प्रणाली के व्यापक कार्यान्वयन का आग्रह किया।
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राजस्थान सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़, पशुपालन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि चैटबॉट जैसे तकनीकी हस्तक्षेप पशुपालकों तक सीधे पशु चिकित्सा सेवाएं पहुंचाकर वास्तविक बदलाव ला रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि चिकित्सा सहायता प्रत्येक पशुपालक तक उनके घर तक पहुंचे।
विभाग के सचिव समित शर्मा ने बताया कि पशु रोगों का त्वरित विश्लेषण और अधिक सटीक निदान संभव बनाने के लिए चैटबॉट को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ एकीकृत करने की योजना है।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने राजस्थान की 1962 मॉडल की चैटबॉट प्रणाली की प्रशंसा की है और इसी तरह की सुविधा अपनाने का निर्णय लिया है।
महाराष्ट्र के कृषि, पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन विभाग के उप सचिव एमबी मराले ने 1962 महापशुधन संजीवनी ऐप के अंतर्गत एक व्हाट्सएप-आधारित चैटबॉट शुरू करने का निर्देश दिया है।
पशुपालन विभाग के निदेशक आनंद सेजरा के मुताबिक, चैटबॉट प्रणाली ने पशु चिकित्सा सेवाओं को तेज, अधिक पारदर्शी और ज्यादा सुलभ बना दिया है। इसने उपचार वितरण में तेजी लाई है और पशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी लाई है।
पशु चिकित्सक अब ऑनलाइन परामर्श प्रदान करते हैं और आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय पशु चिकित्सालयों के माध्यम से तत्काल उपचार की सुविधा प्रदान करते हैं।
यह अभिनव पहल पूरे राजस्थान में पशुपालकों को पर्याप्त राहत प्रदान कर रही है और राज्य को डिजिटल पशु स्वास्थ्य सेवाओं में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बना रही है।
--आईएएनएस
एएसएच/डीकेपी
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us